शराब बनाने ही नहीं इन खतरनाक बीमारियों को भगाने में कारगर है महुआ, जानें फायदा
महुआ का पेड़ आदिवासियों के लिए बहुत महत्व रखता है. आदिवासी लोग न सिर्फ खाने के लिए बल्कि ईंधन के रूप में भी महुआ का उपयोग करते हैं. कई जगहों पर इसका उपयोग शराब बनाने में होता है, लेकिन इसके अलावा इसे बहुत से औषधीय गुंण हैं.
नई दिल्ली: आदिवासी समाज के लोग महुआ न सिर्फ खाने के लिए बल्कि ईंधन के रूप में भी उपयोग करते हैं. क्या आपने कभी महुआ का नाम सुना है, अगर नहीं तो आज इस लेख में हम आपको महुआ के फायदों और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं, क्योंकि महुआ खाने में जितना टेस्टी होता है, उतना ही ये सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. हालांकि इसका उपयोग शराब बनाने के लिए भी किया जाता है. हम सलाह देंगे की शराब का सेवन न करें.
महुआ की खास बात
महुआ की छाल का इस्तेमाल क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, डायबिटीज मेलिटस और ब्लीडिंग में किया जाता है. गठिया और बवासीर की दवाई के रूप में महुआ की पत्तियों का इस्तेमाल होता है. इसके जड़ सूजन, दस्त और बुखार में बहुत असरकारक होते हैं. महुआ बहुत लंबे समय तक सुखा कर स्टोर किया जा सकता है. एक बार जब ये सूख जाता है तो सालों तक इसका प्रयोग किया जा सकता है.
महुए में पाए जाने वाले तत्व
महुआ में कार्बोहाइड्रेट, फैट, और प्रोटीन के साथ ही कैल्शियम, फास्फोरस आयरन, कैरोटीन और विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इतने पोषक तत्वों से भरे होने के कारण इसे खाने के बहुत से फायदे होते हैं.
गठिया में पीएं छाल का रस और करें तेल की मलिश
महुआ की छाल गठिया के इलाज में बहुत कारगर मानी जाती है. इसकी छाल को आप उबाल कर उसका जूस पी सकते हैं. गठिया के दर्द के साथ ही अंदर आ गई सूजन और जकड़न को भी कम करता है. महूआ के फूल, जड़ और छाल के साथ बीजों को पीस कर सरसों के तेल में पका लें और इसकी मालिश जोड़ों पर करें. इससे जल्द ही आराम मिलने की संभावना होती है.
दांत दर्द का इलाज
दांतों में दर्द है या फिर टॉन्सिलिटिस की समस्या है तो आप महुआ की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं. पहले महुआ की छाल को पीसना होगा, फिर उमसें पानी मिला लें. इस पानी से आप कुल्ला करें और रस को दांतों और मसूड़ों पर लगा लें. इससे आपको काफी आराम मिलेगा.
पेट के कीड़े मारने में मददगार
महुआ का सेवन पेट के कीड़ों को मारने में मददगार होता है. बच्चों को अक्सर पेट में कीड़े हो जाते हैं. ऐसे में उन्हें महुए की छाल का काढ़ा दें और महुए की रोटी खिलाएं तो कीड़े मर जाते हैं. इसके अलावा दस्त या अपच होने पर मुहआ की छाल का रस पीएं, इससे आराम मिलता है.
डायबिटीज में होता है 'अमृत'
डायबिटीज मरीजों के लिए महुआ अमृत से कम नहीं है. डायबिटीज बीमारी के खिलाफ महुए की छाल अमृत की तरह काम करती है. हालांकि महुआ के फूल का प्रयोग डायबिटीज रोगियों को नहीं करना चाहिए.
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