Fifa World Cup: मंडला की बेटी पहुंची कतर, फीफा वर्ल्ड कप में गूंजेगी शैफाली की आवाज
मंडला जिले के नैनपुर नगर की रहने वाली शैफाली का चयन कतर में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप के लिए हुआ है. यहां इनके कुल 13 शो होंगे.
विमलेश मिश्रा/मंडला: कहते हैं यदि कुछ कर गुजरने का जज्बा और जुनून हो तो व्यक्ति को उसके मुकाम और मंजिल तक जरूर पहुंचाता है. इस बात को सार्थक कर दिखाया है. मंडला जिले की कलाकार शैफाली चौरसिया ने जो आज नैनपुर जैसे एक अदद नगर से निकलकर संयुक्त अरब अमीरात के कतर में होने वाले फुटबॉल के महाकुंभ में अपना प्रदर्शन करने पहुंची है. बता दें कि फुटबॉल वर्ल्ड के दौरान शैफाली चौरसिया की मधुर आवाज जब कतर में गुंजित होगी तब मण्डला और नैनपुर जैसे नगर का गौरवगान भी सुनाई देगा.
फीफा वर्ल्ड कप में शैफाली के 13 शो
शैफाली चौरसिया के फीफा वर्ल्ड कप के दैरान कुल 13 शो होंगे. जिसकी शुरुआत आज 18 नवम्बर से होगी. यह नैनपुर के स्वर्ण इतिहास में गिना जाने वाला वह दिन होगा जब नैनपुर की आवाज को कतर जैसे देश के साथ समूची दुनिया को सुनने का अवसर मिलेगा. शैफाली नगर के एक पान व्यवसायी संतोष चौरसिया की सुपुत्री हैं. जिनके जहन और अंदाज में बचपन से ही गीत संगीत रचा बसा था. अपने स्कूली परिवेश से ही गीत संगीत को अपनाकर एक उच्च मुकाम पाने की जिद और जुनून शैफाली के हृदय में थी.
भारते के 60 से 70 सदस्यों का दल पहुंचा कतर
निष्ठा, लगन, मेहनत और तय किये गए लक्ष्य पर संधान करने की संगीत साधना ने आज शैफाली चौरसिया को एक ऐसे मुकाम तक पहुंचा दिया है, जिसका सपना उन्होंने दशकों से अपने मन मे पाल रखा था. जाहिर है कि फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप की शुरुआत 20 नवम्बर से देश कतर में हो रही है. विश्व के इस महाकुंभ में भारत से 60 से 70 सदस्यों का एक दल कतर पहुंचा है. जिसमें शैफाली चैरसिया को ग्रेविटास मैनेजमेंट एफ जेड ई संयुक्त अरब अमीरात की ओर से बुलावा हुआ है. जहां अलखोर के फेन जॉन में उसके कुल 13 शोज होंगे.
कतर में गूंजेगी नैनपुर की आवाज
शैफाली ने बताया कि वर्ल्ड कप में खेले जाने वाले मैच के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से पब्लिक मनोरंजन के लिये इनके द्वारा गाये जाने वाले गीतों के शो को प्रदर्शित किया जायेगा. जो मैच के बीच होने वाले अंतराल में प्रदर्शित होंगे. फुटबॉल वर्ल्ड के दौरान शैफाली चौरसिया की मधुर आवाज जब कतर में गुंजित होगी तब मण्डला और नैनपुर जैसे नगर का गौरवगान भी सुनाई देगा. यह मुकाम और उपलब्धि शैफाली को गीत के प्रति उसकी दीवानगी और संगीत साधना से जुड़ी बंदगी के दम पर हासिल हुआ है, जिससे आज समूचा अंचल गौरवान्वित हो रहा है.