मनीष पुरोहित/मंदसौर: एक तरफ मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अस्पताल आने जाने वाले मरीजों के लिए निशुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने और उन्हें हर संभव सुविधा देने के सभी प्रयास कर रही है. दूसरी तरफ कई जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बिगड़ती सेहत की तस्वीरें सामने आ रही हैं. मंदसौर से भी ऐसी ही कुछ तस्वीरें आई हैं. ज़ी न्यूज ने पड़ताल की तो जनता ने आपबीती सुनाई. मरीजों की मानें तो उनसे निशुल्क एंबुलेंस का भी किराया वसूला जा रहा है, जो कि स्वास्थ्य अधिकारी और वहां के स्टाफ की पोल खोल रहा है. 


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निशुल्क एंबुलेंस के लिए वसूले जा रहे पैसे
जी न्यूज ने जब जनता से हाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अफसर सेवाओं को व्यवस्थित करने के लिए कितने सतर्क है वह हालात खुद बयां कर रहे है. मामला मध्यप्रदेश के मंदसौर का है, जहां पर गरीब जनता इमरजेंसी में काम आने वाली निशुल्क एंबुलेंस के लिए भी किराया देने को मजबूर हैं. वहीं एंबुलेंस के स्टाफ यूनिफॉर्म में नहीं रहते हैं. मंदसौर में निशुल्क एंबुलेंस सेवा के नाम पर मरीजों को लूटा जा रहा है और साथ ही अस्पताल में एंबुलेंस व्यवस्थाओं का जब हाल जाना गया तो पता चला कि ऊपर से चकाचक दिखने वाली एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर ही गायब हैं. जीवन रक्षक दवाएं भी अपने निर्धारित स्थान से नदारद मिली. एंबुलेंस पर लगने वाले इक्विपमेंटस भी लगे हुए नहीं हैं. 


शिकायत के बाद मामला उजागर
मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार लोगों की मुसीबत बढ़ने लगी. कैमरे पर लोगों ने बताया कि मंदसौर में निशुल्क एम्बुलेंस मरीज को लाने के लिए जाती है तो मरीजों से आम किराया वसूला जा रहा है. मरीजों की शिकायत के बाद पूरा मामला सामने आया तो लोगों को जल्द न्याय की उम्मीद जाग गई. बता दें अप्रैल से प्रदेश में सरकारी एंबुलेंस नए स्वरूप में नजर आने की बात कही गई थी. 108 संजीवनी एक्सप्रेस की एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस प्रदेशभर में लॉन्च हुई थी. इससे मरीजों को "ICU ऑन व्हील्स" की सुविधा मिली. इसकी खासियत ये है कि इसमें अति गंभीर मरीजों को गोल्डन अवर में इलाज करते हुए अस्पताल तक पहुंचाया जाता है. साथ ही एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल पेशेंट के लिए भी कई सुविधाएं मिलती है.यह सुविधा भी निशुल्क दी जाती है, लेकिन मंदसौर की इस तस्वीर को देखकर हाल कुछ और ही नजर आ रहे हैं.