MP News: मध्य प्रदेश के सबसे बड़ी मसाला मंडी माने जाने वाली मंदसौर कृषि उपज मंडी में लहसुन बेचने आए किसानों के साथ 50 लाख की ठगी हुई है, बताया जा रहा है कि 30 से ज्यादा किसान ठगी का शिकार हुए हैं. दरअसल, किसानों ने अपनी लहसुन की फसल बेची थी, लेकिन उसका पैसा अब तक किसानों के खाते में नहीं पहुंचा है. ऐसे में इधर किसान परेशान नजर आ रहे हैं. उधर मंडी प्रबंधन यह दावा कर रहा है कि जल्द ही किसानों को उनके पैसे दिलवाए जाएंगे. 


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50 लाख की ठगी 


मंदसौर की कृषि उपज मंडी यहां पर सीजन में 30000 बोरी प्रतिदिन लहसुन की आ रही हैं. अच्छे दाम और तुरंत पेमेंट की वजह से भोपाल इंदौर से राजस्थान तक के किसान अपनी फसल लेकर मंदसौर की कृषि उपज मंडी में आ रहे हैं, लेकिन 30 से ज्यादा किसानों की फसल खरीदकर एक व्यापारी भाग निकला, बताया जा रहा है कि व्यापारी के पास किसानों का 50 लाख रुपए बकाया है. 


यह पूरा मामला 


दरअसल, कृषि उपज मंडी में कम फसल का पेमेंट व्यापारियों द्वारा किसानों को तुरंत नगद किया जाता है, लेकिन 2 लाख से ज्यादा की राशि का भुगतान बैंक से किसानों के खाते में आरटीजीएस के जरिए किया जाता है. ऐसे में 30 से ज्यादा किसानों का 50 लाख रुपए से ज्यादा का पेमेंट मंदसौर की फर्म खुशाली ट्रेडर्स को देना था. लेकिन जब काफी दिनों तक पेमेंट नहीं आया तो किसानों ने मंडी प्रबंधन से इसकी शिकायत की थी. ऐसे में अब मंडी प्रबंधन मामले में कार्रवाई की बात करते हुए जल्द से जल्द पेमेंट करवाने का भरोसा दिला रहा है. लेकिन इस ठगी की वजह से किसान परेशान नजर आ रहे हैं. 


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मंडी प्रबंधक पर्वत सिंह सिसोदिया ने बताया की किसानों का लगभग पचास लाख रुपए खुशाली ट्रेडर्स के पास बकाया है. इस मामले में कार्रवाई जारी है जितनी भी जल्दी हो सके किसानों का पेमेंट करवाया जाएगा. मामले में एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी. 


वहीं मामले में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रामस्वरूप और बबलू जाधव ने बताया कि मंडी समितियों की लापरवाही के कारण मध्य प्रदेश की तमाम मंडियों में किसानों के साथ ठगी की जा रही है. बहुत उम्मीद से किसान अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए लाता है और जब नीलामी में व्यापारी उसे खरीद लेता है. तो पहले तो भुगतान करने में आनाकानी करता है और बाद में फरार हो जाता है.  इंदौर और देवास में भी व्यापारी के फरार होने के ऐसे मामले आए हैं, उसके बाद भी मंडी समिति की लापरवाहियां बनी हुई हैं. 


मंदसौर से मनीष पुरोहित की रिपोर्ट 


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