Mauni Amavasya 2023 Date Time and Mahatva: मौनी अमावस्या माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पड़ती है.इसे लोग आम बोलचाल में माघी अमावस्या भी कहते हैं.इस माह में प्रतिदिन गंगा स्नान करना चाहिए क्योंकि इस मास में गंगाजल अमृत के समान हो जाता है. इसके स्नान मात्र से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.इसलिए गंगा को मोक्षदायिनी नदी भी कहा जाता है. गौरतलब है कि इसके स्पर्श मात्र से राजा सागर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति हुई तो आपको बताते हैं कि इस महीने गंगा स्नान का विशेष महत्व क्यों है?


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इस साल कब है मौनी अमावस्या?
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 21 जनवरी को प्रात: 06 बजकर 17 मिनट से अगले दिन 22 जनवरी को प्रातः 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. इसलिए 21 को मौनी अमावस्या है.


सर्वार्थ सिद्धि योग
मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है.22 जनवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 07 बजकर 14 मिनट तक है.इसके पहले 21 जनवरी को हर्षण योग सुबह से दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक है और उसके बाद वज्र योग शुरू हो जाएगा.


मौनी अमावस्या पर स्नान का समय
इस दिन लोग सुबह से ही गंगा नदी में स्नान करते हैं.इसलिए मौनी अमावस्या के दिन आपको मां गंगा में स्नान करना चाहिए.अगर आप गंगा स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.21 जनवरी को सुबह 8 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट के बीच स्नान करें.यह शुभ मुहूर्त है.


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मौनी अमावस्या का महत्व 
आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि मौनी अमावस्या के इतना महत्व क्यों होता है तो आपको बता दें कि इस दिन का बड़ा महत्व इसलिए है क्योंकि यह दिन आत्मा को पवित्र करने का दिन होता है .मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने से किसी भी व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.इस दिन लोग गंगा स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं. साथ ही व्रत रखना भी बहुत शुभ होता है.आप अपनी क्षमता के अनुसार दान भी कर सकते हैं.