MP News: सड़कों पर थमे पहिए तो अस्त-व्यस्त हो गया जनजीवन, क्या होगा परिवहन मंत्री की अपील का असर?
Minister Rao Uday Pratap Singh: मध्य प्रदेश में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बीच परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने अपील की है. उन्होंने जनता की परेशानी को देखते हुए ट्रक ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिलों में नए साल के पहले दिन ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. कई जिलों में बसों और ट्रांसपोर्टर्स ने भी पहियों को थाम दिया है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल से लेकर सफर तक के लिए आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने ट्रक ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है.
चक्काजाम जैसी स्थिति निर्मित न करें
परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने ड्राइवरों की इस हड़ताल को लकेर कहा कि हड़ताल समस्या का हल नहीं है. हड़ताल की जगह ड्राइवरों को बातचीत करना चाहिए. उन्हें बातचीत का रास्ता खोल के रखना चाहिए. हड़ताल करने वालों को चक्काजाम नहीं करना चाहिए. चक्काजाम जैसी स्थिति निर्मित नहीं करना चाहिए. हड़ताल के कारण आम जनता को परेशानी नहीं होना चाहिए. बातचीत का दौर जारी है. उम्मीद है अच्छे परिणाम आएंगे.
MP में थमे पहिए
मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में आज नए साल के पहले दिन ही नए रोड एक्सीडेंट कानून के विरोध में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी. भोपाल में BPCL, HPCL और IOCL के ट्रक ड्राइवरों के हड़ताल पर होने की वजह से लोगों को LPG और पेट्रोल-डीजल आदि के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है नया रोड एक्सीडेंट कानून
हाल ही में लोकसभा में हिट एंड रन रोड एक्सीडेंट केसों को लेकर सख्त और नया रोड एक्सीडेंट कानून पास हुआ है. यानी अब कोई रोड पर एक्सीडेंट करके भागा को उसकी खैर नहीं. अब तक अक्सर लोग रोड पर एक्सीडेंट के बाद भाग जाते थे. अब ऐसा करने पर आरोपी को 10 साल की सजा भुगतनी पड़ेगी. इसके अलावा 7 लाख तक अर्थठंड भी जमा करना पड़ सकता है. इसके अलावा जिससे गलती से एक्सीडेंट हो गया है वह घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी.
अब तक क्या थे प्रावधान
अब तक IPC की धारा 104 के तहत सड़क दुर्घटना के दौरान दोषी पाए जाने पर 2 साल की कैद या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान था. इसे अब और सख्त कर दिया गया है. फिलहाल इसे लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. जल्द ही इसे राज्यसभा में पटल पर रखा जाएगा. इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही ये कानून बन जाएगा.
इनपुट- भोपाल से आकाश द्विवेदी की रिपोर्ट, ZEE मीडिया