Miraculous incident in Raisen: राजकिशोर सोनी/रायसेन। कहते हैं न कि 'जाको रखे सांइयां, मार सके नो कोए, बाल न बाको कर सके, जो जग बैरी होय' ऐसा ही एक चमत्कार हुआ है मध्य प्रदेश के रायसेन में, जहां नर्मदा में करीब 50 किलोमीटर तक एक बुजुर्ग महिला बह गई पर मां नर्मदा ने उसे अपने गोद में इस तरह संभाल कर रखा कि उसका बाल भी बांका नहीं हो सका.


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रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बोरास के नर्मदाघाट धरमपुरा पर स्न्नान कर रहे लोगो ने बहती हुई बृद्धा को पकड़ा और तत्काल इलाज के लिए उदयपुरा अस्पताल भेजा. कौन थी यह बृद्ध महिला और कहां से आई , जब महिला ने बताया तो लोगों को आश्चर्य हुआ तो मां नर्मदा की शक्ति की जय जय कार करने लगे.


क्या है पूरी कहानी
सागर जिले के सुरखी के ग्राम हनोताकला की 65 साल से अधिक उम्र के महिला सुहागरानी 2 अक्टूबर दिन रविवार को शाम 6-7 बजे नरसिंहपुर जिले के नर्मदाघाट वरमान में पानी भर रही थी. सीढ़ियों से पैर स्लिप होने के बाद तेज धार में बहने लगी. रात्रि में बहते हुए उसने एक नौका वाले को आवाज दी, लेकिन वो डरकर भाग गया.


महिला रात भर सिर ऊपर कर बहती रही. कभी एक हाथ से तैरती तो कभी दूसरे हाथ से तैरती रही. महिला का सहारा मां नर्मदा बनी रही और 18 घंटे में कई किलोमीटर बहने के बाद रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बौरास के धरमपुरा घाट पर पहुंच गई.


धरमपुरा घाट बुर्ग को बहते हुए लोगों ने देख लिया. इसके बाद उसे नदी से बाहर निकाला गया. वहां मौजूद लोगों ने उसे तत्काल इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, जहां इलाज के बाद महिला पूर्ण स्वस्थ्य हो गई.


घटना किसी चमत्कार से कम नहीं!
पुलिस ने महिला से पूछताछ कर संपर्क कर परिजनों को बुलाया. महिला का पति और बेटा और बेटियां भी आईं, जिसके बाद उसे उसके परिजनों के साथ भेज दिया गया. ये घटना भले ही सामान्य मामला हो, लेकिन इस उम्र में और इतनी दूरी तक बहकर भी जिंदा बचे रहना किसी चमत्कार से कम नहीं हैं.