MP Election: मिर्ची बाबा ने बढ़ाई BJP-कांग्रेस की टेंशन, अखिलेश यादव से की मुलाकात, इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
MP Vidhan Sabha Chunav: मध्य प्रदेश में चुनावी समर के बीच मिर्ची बाबा (Mirchi Baba) ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात कर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. अखिलेश यादव ने सोमवार को मिर्ची बाबा से मुलाकात की फोटो ट्विटर पर शेयर की है.
MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में चुनावी समर के बीच मिर्ची बाबा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. अखिलेश यादव ने सोमवार को मिर्ची बाबा से मुलाकात की फोटो ट्विटर पर शेयर की है. इस फोटो के कैप्शन में लिखा- 'मप्र के मिर्ची बाबा से एक शिष्टाचार भेंट और उनके मप्र विधानसभा में एक विशेष सीट से चुनाव लड़ने के लिए शुभकामनाएं.'
अखिलेश यादव से मिर्ची बाबा की इस मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. राजनीतिक जानकारों के मानना है कि मिर्ची बाबा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. समाजवादी पार्टी मिर्ची बाबा को बुधनी विधानसभा सीट से टिकट दे सकती हैं. इसकी वजह यह है कि जेल से बरी होने के बाद मिर्ची बाबा लगातार शिवराज सरकार पर हमलावर हैं और सरकार पर साजिश के तहत फंसाने के आरोप लगाते रहे हैं.
रेप के आरोप में जेल गए थे मिर्ची बाबा
मिर्ची बाबा करीब 1 साल पहले एक महिला ने रेप के आरोप में जेल गए. उनके खिलाफ एक शादीशुदा महिला ने केस दर्ज कराया था. आरोप था कि उन्होंने नि:संतान महिला को झांसे में लेकर अपने आश्रम में रेप किया था. इसके बाद उन्हें धारा 376 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन उन पर लगाया गया आरोप कोर्ट में सिद्ध नहीं हो सका, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. इसके बाद से ही बाबा लगातार शिवराज सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने जेल से बाहर आने के बाद मुंडन कराकर अपना विरोध भी दर्ज कराया था.
कौन है मिर्ची बाबा
मिर्ची बाबा के नाम से प्रसिद्ध महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी का असली नाम राकेश दुबे है. उन्हें मिर्ची बाबा इसलिए कहा जाता है क्योंकि वो अपने भक्तों को मिर्ची की धुनी देते हैं. मिर्ची बाबा के पिता अयोध्या प्रसाद भिंड जिले के बिरखड़ी गांव निवासी हैं. पिता मालनपुर के मंदिर में पुजारी थे. उनके चार बेटों में से मिर्ची बाबा तीसरे नंबर के हैं. साल 1997 तक राकेश दुबे ऑयल मिल में मजदूरी करते थे. इसके बाद अपनी 4 बीघा जमीन बेचकर ट्रक खरीदा. चलाने में घाटा हो गया और ट्रक को बेचना पड़ा.