Madhya Pradesh SIMI Organization: केंद्र सरकार ने आतंकवादी समूह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से यह फैसला लिया गया है. गृहमंत्रालय के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश का गृह विभाग भी अलर्ट पर है. क्योंकि सिमी संगठन की जड़े मध्य प्रदेश में भी हैं. ऐसे में सरकार पूरी तरह से अलर्ट पर नजर आ रही है. 


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गृह मंत्रालय ने बढ़ाया बैन


गृह मंत्री कार्यालय की तरफ से सोशल मीडिया एक्स पर सोमवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया गया 'आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI)' को यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत पांच साल की अवधि के लिए 'गैरकानूनी संगठन ' घोषित किया गया है.' 


मध्य प्रदेश अलर्ट पर 


केंद्र सरकार के फैसले के बाद मध्य प्रदेश विशेष सुरक्षा अधिनियम के तहत माओवादी संगठन से जुड़े दो संगठनों पर बैन जारी रखने का फैसला लिया गया है, जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), KCC और केजेसी भी मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित रहेंगे. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) और इनसे जुड़े क्रांतिकारी किसान कमेटी, क्रांतिकारी जन कमेटी पर 1 साल के लिए बैन बढ़ाया गया है. बता दें कि पिछले साल नवंबर में सरकार में दोनों संगठनों को प्रतिबंधित किया था, जिस पर बैन बढ़ा दिया गया है. 


इस वजह से अलर्ट पर एमपी


बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिमी संगठन की जड़े मध्य प्रदेश से भी जुड़ी है. मालवा-निमाड़ में इस संगठन का असर है, खंडवा जिले एक वक्त पर यह संगठन अपना दायरा बढ़ा रहा था, पिछले कई सालों में देशभर से गिरफ्तार किए गए सिमी के सदस्यों में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश से ही हैं. जबकि अब संगठन पर बैन भी लगा दिया गया है. ऐसे में फिलहाल पुलिस विभाग खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर समेत कई जिलों में अलर्ट पर नजर आ रही है. 


जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में सिमी के कई सदस्यों को पकड़ा गया है. मध्य प्रदेश में इंदौर, खंडवा और रतलाम जैसे शहरों से गिरफ्तारियां हुई हैं. 2008 में इंदौर में एक जगह दबिश के दौरान संगठन के तत्कालीन प्रमुख सफदर नागौरी को गिरफ्तार किया गया था, जो उज्जैन का रहने वाला था. यही वजह है कि जब संगठन पर बैन बढ़ाया गया तो पुलिस और गृह विभाग अलर्ट पर आ गया. 


2001 में पहली बार लगा था बैन 


सिमी संगठन की शुरुआत 25 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से हुई थी. इस संगठन का उद्देश्य भारत को इस्लामिक बनाना है. 2001 में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सिमी पर बैन लगाया गया था. हालांकि 2008 में एक विशेष न्यायाधिकरण की तरफ से सिमी पर बैन हटाया गया था. जिसके बाद 31 जनवरी 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने इस संगठन पर फिर से बैन लगा दिया है, जिसे अब पांच साल के लिए और बढ़ाया गया है. 


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