Madhya Pradesh: मोदी मंत्रिमंडल में वीरेंद्र खटीक ऐसा नाम है, जो आए दिन चर्चा में आ जाते हैं. कभी अपने बयानों को लेकर तो कभी अपने फैसलों को लेकर. कुछ दिन पहले लिए अपने एक निर्णय पर खटीक फिर चर्चा में आ गए. उन्होंने एक गजब फरमान जारी किया. उन्होंने अपने ऑफिस के बाहर दो नोटिस लगवा दिए. एक में लिखा 'पैर पड़ना सख्त मना 'है. दूसरे में लिखा' जिसने पैर छुए उसके काम की सुनवाई नहीं होगी'. इसे लेकर 2 दिन पहले उन्होंने ट्वीट भी किया, जो अब चर्चा में है. 


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केंद्रीय मंत्री को वीआईपी कल्चर से दिक्कत 
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने ट्वीट कर लिखा 'संविधान के जनक पूज्य बाबासाहेब भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी और एकात्म मानववाद के पुरोधा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी दोनों ने ही अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति के सम्मान का संदेश दिया है. यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के 'सबका साथ सबका विकास' में भी यही भावना है कि पार्टी कार्यकर्ता हो या जनता सबके आत्म सम्मान और स्वाभिमान की चिंता करनी है. मंत्री हो,सांसद अथवा जनप्रतिनिधि हमें अपने व्यवहार में और आसपास ऐसा वातावरण रखना है कि विशेष दिखने की होड और वीआईपी कल्चर हम पर हावी न हो. इसी विचार को कि जिन लोगों ने हमें प्रतिनिधि बनाया है,उनको झुकने नहीं देना है.  इसे व्यवहार में उतारते हुए मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में स्थित आवास पर गाँवों और क्षेत्र से आने वाले लोगों को पैर न छूने की सलाह दी है. अपने साढ़े चार दशक से अधिक के सार्वजनिक जीवन में मैंने तो अपने स्वजनों से और कार्यकर्ताओं से भी सदैव अपनेपन के साथ बराबरी का ही व्यवहार किया है.



'मेरे बाप का बाप भी रेत चोरी करे तो कार्रवाई करो'
खटीक अपनी बेबाकी को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. कई बार उनके बयान उनके लिए परेशानी भी खड़ी कर देते हैं. कुछ समय पहले छतरपुर में एक जनसुनवाई के दौरान खटीक ने खनिज अधिकारी अमित मिश्रा को बुलाया और खरी खरी सुनाना शुरू कर दी. मामला रेत खनन से जुड़ा था. खटीन ने कहा मैं हिंदुस्तान में एकलौता आदमी हूं जिसे रेत या ऐसी चीजों से कोई मतलब नहीं है.  इस जिले में अगर मेरे बाप का बाप भी रेत चोरी करेगा तो उसपर भी कार्रवाई करो. अगर आप कार्रवाई नहीं करते तो  मतलब इसमें सभी की मिलीभगत है. उनके इस बयान ने काफी तूल पकड़ लिया था. 


'जो अभी अभी पार्टी में आए हैं, वो बता रहे क्या करना है क्या नहीं'
पता हो कि कुछ समय पहले अंदरूनी खींचतान के चलते वीरेंद्र खटीक के लिए परेशानी खड़ी हो गई थी.  कई नेता उनके खिलाफ एकजुट होने लगे थे. पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह और विधायक ललिता यादव ने खटीक पर गंभीर आरोप लगाए थे कि वो आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रतिनिधियों को नियुक्त कर रहे हैं, जो काम नहीं करने दे रहे. इसपर खटीक ने साफ कह डाला कि बुंदेलखंड में मूल भाजपाई और आयातित नेताओं के बीच बन नहीं रही है. मूल भाजपाई, नए नए भाजपा में लाए गए आयातित नेताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं को सर्टिफिकेट दे रहे हैं. जो अभी अभी पार्टी में आए हैं, वो हमें बता रहे हैं कि क्या करना है क्या नहीं.