Mohan Cabinet Meeting: सीएम मोहन के मंत्रिमंडल ने एक बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने 52 साल पुराना नियम बदल दिया है. अब प्रदेश में मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार की तरफ से नहीं भरा जाएगा. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में अब वीआईपी कल्चर खत्म होता दिख रहा है. सरकार ने इस फैसले के लिए 1972 का नियम बदला है. बता दें कि सीएम मोहन यादव ने इस बात का सुझाव रखा था, जिस पर सभी मंत्रियों ने सहमति जताई थी. जिसके बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में पास कर दिया गया है. इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में कई और अहम प्रस्तावों पर भी मुहर लगी है. 


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कैबिनेट बैठक के बड़े फैसले 


  • मध्य प्रदेश में मंत्रियों को मिलने वाले वेतन भत्ते पर लगने वाले इनकम टैक्स को अब सरकार नहीं भरेगी, मंत्रियों को यह टैक्स खुद भरना होगा. अधिनियम के माध्यम से बदली जाएगी नियम कंडिका. 

  • जेल सुधार गृह में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, बंदियों को रोजगार और स्किल से जोड़ा जाएगा. इस दिशा में सरकार जल्दी विधानसभा में एक बिल लाएगी.

  • एग्रीकल्चर से पास आउट युवाओं को रोजगार मिलेगा, साइल टेस्ट सभी ब्लॉक में भवन बनाए हैं, सहभागिता से मृदा परीक्षण होंगे सभी 313 ब्लॉक में यह मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं काम करेंगी.  अभी तक वृक्षारोपण के लिए प्लांटेशन को लेकर जमीन का दायरा नियम था उसे खत्म किया गया है, अब  10 हेक्टेयर से कम में CSR से प्लांटेशन किया जा सकता है. नियम को शिथिल किया गया है.

  • मध्य प्रदेश सरकार एमपी राज्य से बाहर सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी छात्रवृत्ति देंगी, एमपी के बाहर सैनिक स्कूल में पढ़ते हैं तो उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिलती है.

  • रेल की परियोजनाओं के निर्माण कार्य की समन्वय एजेंसी परिवहन विभाग की जगह लोक निर्माण विभाग को बनाया गया लोक निर्माण विभाग नोडल एजेंसी बनाई गई.

  • शहीदों के माता पिता को सरकार कि तरफ से मिलने वाली सम्मान राशि 50 प्रतिशत दी जाएंगी. अभी मिलिट्री और पुलिस में काम करते-करते बलिदान देने वालो की पत्नी को सरकार एक करोड़ रुपये सम्मान राशि देती है, लेकिन अब माता पिता को 50 प्रतिशत राशि मिलेगी. 


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52 साल पुराना नियम बदला 


नगरीय प्रशासन और संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों को मिलने वाले भत्ते पर लगने वाला इनकम टैक्स राज्य सरकार की तरफ से खत्म करने का सुझाव दिया था. जिस पर सभी मंत्रियों ने सहमति जताई थी. अब तक मंत्रियों को मिलने वाले भत्ते पर लगने वाला इनकम टैक्स राज्य सरकार देती थी, लेकिन अब सुधार होगा. 1952 से संबंधित अधिनियम समाप्त कर मंत्रियों के भत्ते पर लगने वाला इनकम टैक्स को अब राज्य सरकार की तरफ से जमा नहीं किया जाएगा. बल्कि मंत्री खुद अपना इनकम टैक्स भरेंगे. यह सरकार का अहम फैसला माना जा रहा है. 


करोड़ों का खर्च होगा कम 


सरकार के फैसले के बाद प्रदेश में करोड़ों रुपए का खर्च कम होगा. क्योंकि पिछले पांच सालों में ही सरकार ने मंत्रियों के भत्ते के तौर पर 3. 24 करोड़ रुपए जमा किए थे. बता दें कि प्रदेश सरकार 1994 से सीएम, मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों का आयकर जमा कर रही है. साल 2023-24 में ही सरकार ने 79.07 लाख का टैक्स जमा किया था. लेकिन अब नया फैसला होने से सरकार के खजाने पर बोझ कम होगा. 


सायल टेस्टिंग को भी मिली सहमति 


इसके अलावा मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि सरकार ने कृषि से संबंधित संस्थाओं और एग्रीकल्चर पास आउट युवाओं को सायल टेस्टिंग के अधिकार भी देने का फैसला किया है. अब प्रदेश के सभी विकासखंडों में सायल टेस्टिंग की सुविधा दी जाएगी. यह फैसला भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अब किसान अपने ही विकासखंड में अपनी खेतों की मिट्टियों का परीक्षण करवा सकेंगे. प्रदेश के सभी 313 विकासखंड में यह व्यवस्था लागू की जाएगी. 


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