Morena Education Department: मुरैना में शिक्षा विभाग के पोर्टल से 42,000 बच्चे लापता हो गए हैं. दरअसल राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा पहले से कक्षा 12वीं तक के बच्चों की जानकारी एजुकेशन पोर्टल पर दर्ज की जाती है लेकिन इसी पोर्टल से मुरैना जिले के 42 हजार छात्र-छात्राएं ऑनलाइन रिकॉर्ड से गायब हो गए है. जानकारी के मुताबिक इसमें शासकीय स्कूल प्राचार्य एवं प्राइवेट स्कूल संचालकों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. 


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बता दें कि जिला शिक्षा केंद्र ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए 325 शासकीय स्कूलों के हेड मास्टरों को नोटिस जारी किया है. इनमें 208 उन निजी स्कूलों ने नाम भी है, जिनकी मान्यता रद्द करने  का नोटिस भी जारी किया गया है.


42,000 बच्चों के नाम गायब
मुरैना जिले में प्राइवेट और सरकारी स्कूल में प्राइमरी से हाई सेकेंडरी तक के 3155 स्कूल है. इन स्कूलों के रिकॉर्ड में कुल 3,85,181 बच्चों के नाम दर्ज हुए हैं. इन बच्चों के नाम शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर भी होने चाहिए लेकिन पोर्टल पर 42,000 बच्चों के नाम ही दिखाई नहीं दे रहे.


राज्य शिक्षा केंद्र सहित कलेक्टर मुरैना ने इसे अति गंभीर विषय माना है और इसमें लापरवाही बरतने वाले शासकीय स्कूल के प्राचार्य और प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं. वहीं जब इस संबंध में डीपीसी मुरैना से बात की तो उनके द्वारा बताया गया कि कक्षा 1 से 8वीं तक 15000 बच्चे और कक्षा 9 से 12वीं तक 26000 बच्चे यानी कुल 42000 बच्चे ड्रॉपबॉक्स में दिखाई दे रहे हैं. जिनके लिए सभी बीआरसी और सीआरसी को पत्र लिखा गया है. जिसमें उनसे पूछा गया है कि पता करें कि आखिर ये सभी बच्चे कहां हैं?


क्या बेरोजगारी बड़ा कारण?
वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में स्कूलों से बच्चों के नाम गायब होने की बड़ी वजह बेरोजगारी को भी मान रहे हैं. रोजगार की तलाश में यहां से कई लोग दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तक पलायन कर चुके हैं. इसमें परिवारों के साथ ही बच्चे भी दूसरी जगह चले गए हैं. इस कारण बच्चों का स्कूल छूट गया है.


रिपोर्ट - करतार सिंह राजपूत