मुरैना नगर निगम में आज होगा सभापति का फैसला, BJP-कांग्रेस में है कांटे की टक्कर
मुरैना नगर निगम (Morena Nagar Nigam) के सभापति का आज फैसला होना है. यही वजह है कि कलेक्ट्रेट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और पूरे कलेक्ट्रेट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. मुरैना में सभापति पद के लिए बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है.
मुरैनाः मुरैना नगर निगम (Morena Nagar Nigam) और 4 नगरीय निकाय का पहली बैठक आज होने जा रही है. इस बैठक में ही सभापति का निर्वाचन किया जाएगा. मुरैना नगर निगम में हार के बाद अब भाजपा की कोशिश है कि सभापति पद पर कब्जा किया जाए. वहीं कांग्रेस भी मेयर (Morena Mayor) पद कब्जाने के बाद अब सभापति पद को भी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहेगी. यही वजह है कि सभापति (Morena nagar ngam chairman) के निर्वाचन पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
भाजपा और कांग्रेस के पार्षद अज्ञातवास से वापस आ गए हैं. जिसके बाद आज कलेक्टर सभागार में पहली बैठक होनी है. कांग्रेस की ओर से राजा डंडोतिया और भाजपा की ओर से भावना हर्षाना मैदान में हैं. निर्वाचन के दौरान विवाद की आशंका को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. पूरे कलेक्ट्रेट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. बता दें कि मुरैना नगर निगम के साथ ही नगरीय निकाय पोरसा, सबलगढ़, झुंडपुरा और कैलारस में भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन होना है.
ये है चुनाव का गणित
बता दें कि मुरैना के 47 वार्डों में से 19 पर कांग्रेस ने कब्जा किया है. वहीं बीजेपी को 15 वार्ड में जीत मिली है. बसपा ने चौंकाते हुए 8 वार्डों में जीत हासिल की है. वहीं सपा और आप ने 1-1 वार्ड पर और 3 वार्डों में निर्दलीय को जीत मिली थी. ऐसे में अब निर्दलीय, बसपा, सपा और आप के पार्षदों की अहमियत काफी बढ़ गई है.
मेयर पद पर कांग्रेस की शारदा सोलंकी ने बीजेपी की मीना मुकेश जाटव को धूल चटाई. शारदा सोलंकी को 63275 वोट मिले, वहीं बीजेपी की मीना जाटव को 48591 मतों से संतोष करना पड़ा. बीएसपी की ममता मौर्य को 20365 वोट मिले, वहीं नोटा में 1213 वोट पड़े.
ग्वालियर के साथ ही कांग्रेस ने मुरैना में मेयर पद पर कब्जा कर बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. मुरैना में पहले से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां कांग्रेस के 4 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के दो विधायक हैं. अब मेयर पद कब्जाने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं.