Ram Mandir: अयोध्या मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर सालों से नंगे पैर पैदल चल रहे मोनी बाबा अब अयोध्या मंदिर लोकार्पण अवसर के निमंत्रण की आस में जिला मुख्यालय भटक रहे हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको निमंत्रण भेजेंगे. मौनी बाबा के नाम से प्रसिद्ध मोहन गोपाल दास ने नंगे पैर रहने का संकल्प उस वक्त संकल्प लिया था, जब राम मंदिर के ऊपर से बाबरी मस्जिद का ढांचा हटाया गया था. 


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मौनी बाबा बताते हैं कि वे अयोध्या में कारसेवकों के साथ मैदान में थे और जिस वक्त मंदिर के ऊपर से बाबरी मस्जिद का ढांचा हटाया गया था वे वहीं मौजूद थे. मौनी बाबा ने उसी दिन से अयोध्या में पादुका त्याग दी थी और संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बन जाएगा वे पादुका नहीं पहनेंगे. वैसे तो मोनी बाबा 10 वर्ष की उम्र से न बोलने का संकल्प लिए हैं. जैसे ही राम लला मंदिर में विराजमान हो जाएंगे वह पादुका त्यागने वाला संकल्प तोड़ देंगे. यही नहीं वे 46 साल मौन रहने वाला व्रत भी खोलेंगे. 


10 साल की उम्र से मौन हैं बाबा
हमेशा मौन रहने की वजह से मोहन गोपाल दास का नाम मौनी बाबा पड़ गया. इसलिए शहर वासी इन्हें मोनी बाबा कहने लगे हैं. बाबा रोज पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय पर निमंत्रण की आस में चक्कर काटते हैं. उन्होंने इस मामले में जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक को आवेदन भी दिया है. 


10 साल की उम्र से नहीं किया अन्न का सेवन
मौनी बाबा सवालों के जवाब स्लेट पर लिखकर बताते हैं. मोनी बाबा का वैसे स्थान सूर्य नगर पुलाव बालाजी है, लेकिन वर्तमान में वह दतिया के मंदिरों पर रहते हैं. वह पूर्णतया सन्यासी हैं. मौनी बाबा ने 10 वर्ष की उम्र से अन्न का सेवन भी नहीं किया. ऐसे ही त्याग और तपस्या वालों की तपस्या के कारण हम सब देशवासी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला मंदिर के निर्माण के बाद भगवान रामलला की मूर्ति स्थापना के दर्शन देख सकेंगे.