MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां काफी तेज हो गई है. भाजपा कांग्रेस दोनों पार्टी अपना दमखम लगाने में जुटी हुई है. बीजेपी प्रत्याशियों (BJP Candidates List)की पहली लिस्ट जारी होने के बाद दल - बदल की राजनीति भी शुरु हो गई है. जिसका असर नीमच में देखने को मिला. बता दें कि यहां पर सिंधिया समर्थक समंदर पटेल ने कांग्रेस (Congress) का हाथ थाम लिया. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा इसका विरोध किया गया. हालांकि पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल के समझाने के बाद कार्यकर्ताओं ने विरोध बंद किया. क्या है मामला जानते हैं. 


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कार्यकर्ता सम्मेलन में विरोध 
दरअसल प्रदेश के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल नीमच में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में आए हुए थे.  यहां पर उन्हें सिंधिया समर्थक समंदर पटेल के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर लोगों का विरोध को झेलना पड़ा. बता दें कि नाराज कार्यकर्ता गद्दार की तख्तियां लेकर कमलेश्वर पटेल के सामने अपना विरोध प्रदर्शन करने लगे. जिसके बाद कमलेश्वर पटेल ने कार्यकर्ताओं को समझाया तब जाकर कार्यकर्ता माने. इस दौरान कमलेश्वर पटेल ने कहा कि समंदर पहले भी कांग्रेस में थे और आज दूबारा कांग्रेस पार्टी में आ गए हैं.  थोड़ी बहुत नाराजगी चलती रहती है, टिकट को लेकर कमलेश्वर ने कहा कि रही बात टिकट की तो पार्टी जिसे चयनित करेगी उसे सभी एक जुट होकर जिताएंगे. 


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हजारों गाड़ियों के काफिले के साथ थामा था हाथ 
चुनाव से ठीक पहले सिंधिया समर्थक समंदर पटेल कांग्रेस में शामिल होकर सिंधिया के खेमें में खलबली मचा दी है. वो कांग्रेस में शामिल होते ही भाजपा के ऊपर आरोप भी लगाए थे, उन्होंने कहा था कि उन्हें सत्तारूढ़ दल से घुटन महसूस होने लगी जिसकी वजह से उन्होंने घर वापसी कर ली थी. बता दें कि समंदर पटेल कांग्रेस में वापसी करते वक्त 1200 गाड़ियों के गाफिले के साथ रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया था. जिसकी सियासी घराने में काफी ज्यादा चर्चा थी. 


ऐसे में अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद इसका सीधा असर चुनाव पर पड़ेगा. फिलहाल अब देखने वाली बात होगी की आगामी विधानसभा चुनाव में समंदर को कांग्रेस अपना प्रत्याशी बनाती है कि नहीं. क्योंकि जब कांग्रेस की सरकार गिरी थी तो समंदर सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.