प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (mp assembly election 2023) के तारीखों का एलान भले ही नहीं हुआ है. लेकिन सभी राजनीतिक दल अपने प्रचार-प्रसार में लग गए हैं. वहीं मध्य प्रदेश (congress) कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष को लेकर टकराव खत्म ही नहीं हुआ था. इसी बीच कांग्रेस के सीनियर नेता अरुण यादव (arun yadav) का बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें वे पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ (PCC President Kamal Nath) को भावी सीएम (cm) के फैसले को मानने से इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि 2023 में मुख्यंत्री कौन बनेगा. (who is cm face in mp congress) इसका फैसाल दिल्ली (delhi) करेगा. वहीं अरुण यादव के बयान को लेकर कमलनाथ ने कहा कि मुझे किसी पद या चेहरे की लालसा नहीं है. मुझे एमपी के भविष्य की चिंता है.


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CM का चयन एक सिस्टम है!
दरअसल मध्य प्रदेश में पूरी कांग्रेस कमलनाथ को भावी सीएम बता रही है. पीसीसी प्रदेश भर में भावी सीएम कमलनाथ के पोस्टर लगवा चुकी है. भावी सीएम के पोस्टर उतरे ही नहीं थे, कि सीनियर कांग्रेस नेता बोले कि मुख्यमंत्री के चयन का एक सिस्टम है, दिल्ली तय करेगा की सीएम कौन होगा. कांग्रेस की यही परंपरा है. सीएम का चेहरा हम नहीं तय करते हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं के भावी सीएम कमलनाथ के पोस्टर लगाए थे. नए साल में कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव ने ऐसे होर्डिंग लगाने से दूरी बनाई थी. अरुण यादव ने जहां कमलनाथ को पीसीसी अध्यक्ष होना एक्सेप्ट किया, वहीं सीएम के चेहरे पर कहा कि इसका फैसला दिल्ली तय करेगा. 


अरुण यादव को कमलनाथ से क्यों है नाराजगी? 
बता दें कि मध्य प्रदेश में अरुण यादव कांग्रेस के बड़े नेता हैं. वह केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं इन दिनों एमपी में  पीसीसी, नेताओं का टकराव जारी है. अरुण यादव ने पीसीसी के भावी सीएम कमलनाथ के पोस्टर उतरने से पहले ही मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में अब ये अंदाज लगाया जा रहा है कि क्या कमलनाथ और अरुण यादव में फिर कुछ बात को लेकर नाराजगी है. क्या अरुण यादव को खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव न लड़ पाने की टीस बार-बार खुरेद रही है. क्या राहुल की यात्रा से प्रभार में कटौती और शेरा को कमलनाथ का महत्त्व देना यादव को याद आ रहा है. इसीलिए कमलनाथ को भावी सीएम बताने से खुलकर कतरा रहे हैं.


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