MP Assembly Election 2023: महाराष्ट्र की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में वैसे तो 2 ही विधानसभा सीट हैं, लेकिन ये आगामी विधानसभा में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं. इसकी वजह है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह मालवा-निमाड़ ही रहा था. मालवा-निमाड़ में विधानसभा की 66 सीटें आती हैं. यहां की 66 सीटों में से 35 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, तो बीजेपी को सिर्फ 28 सीटें ही मिली थी. यही वजह है कि कांग्रेस को 15 साल बाद मध्य प्रदेश सस्ता वापस मिल गई थी.


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कांग्रेस के पास यह सत्ता 15 महीने रही रही. क्योंकि नेपानगर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाली सुमित्रा देवी कास्डेकर 2020 में बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था. सुमित्रा देवी सिंधिया समर्थक विधायक है. वे कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायकों में से एक थीं. 2020 में उपचुनाव में भी नेपानगर की जनता भाजपा की टिकट में चुनाव लड़ीं सुमित्रा देवी को ही चुनाव.




बुरहानपुर विधानसभा सीट की बात करें तो इसे पूर्व मंत्री और भाजपा की सीनियर लीडर अर्चना चिटनीस का गढ़ माना जाता था, लेकिन राजनीति में हवा और लहर कब बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. यही हुआ 2018 विधानसभा चुनाव में अर्चना चिटनीस के साथ. उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. मजेदार बात ये है कि उन्हें हराने वाली कोई कांग्रेसी नहीं, बल्कि निर्दलीय चुनाव लड़ रहे ठा. सुरेंद्र सिंह थे. बहरहाल अब साल के आखिर में एक बार फिर विधानसभा चुनाव होना है. हवा किस ओर चल रही है. ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा. इससे पहले जिले की दोनों विधानसभा की सीटों के आंकड़ों पर नजर डालते हैं....