MP में `जनजातीय गौरव यात्रा` के बाद, अब `विकास यात्रा` से बनेगा बीजेपी का काम?
Shivraj sarkar ki vikas yatra: मध्यप्रदेश में 1 फरवरी से 15 फरवरी तक सीएम शिवराज के नेतृत्व में विकास यात्रा चलेगी. ये यात्रा प्रदेश के सभी जिलों में लोगों तक पहुंचेगी.
प्रमोद शर्मा/भोपाल: दिल्ली दौरे से लौटने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने अपनी अगली तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए आज यानी बुधवार को सीएम हाउस पर एमपी के सभी मंत्रियों के साथ CM शिवराज विकास यात्रा (Mp vikas yatra) के संबंध में बैठक करेंगे. इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसलिए इस बैठक में संभागायुक्त और कलेक्टर भी जुड़ेंगे. अब इस यात्रा के बहाने भाजपा सरकार संगठन विधानसभा चुनाव से 10 महीने पहले ही जमीन पर जुड़कर पूरे प्रदेश को नापने की तैयारी में है.
गौरतलब है कि प्रदेश में अब 10 महीने बाद यानी नवंबर को विधानसभा चुनाव (MP Assemble Election) होना है. इसे लेकर बीजेपी ने अपनी कमर कस ली है. अब वो जनता के बीच सीधे विकास कार्य को लेकर जाएगी और 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच प्रदेश में विकास यात्रा निकाली जाएगी. इसकी जिम्मेदारी कलेक्टरों को दी गई. हर दिन कलेक्टर को ये बताना होगा कि यात्रा कितने किलोमीटर, कितने गांव, कितने वार्ड तक पहुंची है. इस दौरान हर जिले में वार्ड और गांव स्तर लोकार्पण और शिलान्यास होंगे.
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शिलान्यास और विकास लोकार्पण होंगे
विकास यात्रा के दौरान ही अलग-अलग विकास कार्यों की आधारशिला रखी जाएगी. कहीं विकास कार्यों के लोकार्पण होंगे तो कहीं शिलान्यास कर विकास कार्यों को गति दी जाएगी. इस विकास यात्रा के बीच शहर के लोगों, किसानों, हितग्राही, छात्रों, महिलाओं सभी से चर्चा भी होगी. लोगों से मुलाकात को देखा जाए तो इसमें भारत जोड़ो यात्रा जैसा ही पैटर्न है. विकास यात्रा में लोगों से मुलाकात के बाद उन्हें केंद्र व राज्य की योजनाओं के बारे में बताया जाएगा.
बीजेपी निकाल चुकी है जनजातीय गौरव यात्रा
गौरतलब है कि बीजेपी ने इस बार आदिवासी वोट बैंक पर काफी फोकस किया है. इसे लेकर बीजेपी विकास यात्रा से पहले जनजातीय गौरव यात्रा (Adivasi Gaurav Yatra) भी निकाल चुकी है. 20 नवंबर से 4 दिसंबर तक चली इस जनजातीय गौरव यात्रा का फोकस आदिवासी रहे. ये गौरव यात्रा आदिवासी बहुल्य 47 सीटों के लिए ही निकाली गई थी. इस यात्रा में सीएम शिवराज कई मंत्रियों के साथ शामिल हुए, साथ ही आदिवासी युवाओं के साथ परंपरागत वेशभूषा में भी दिखाई दिए. अब देखना दिलचस्प होगा कि इन यात्राओं से क्या परिणाम निकलता है.