Jabalpur Sihora Assembly Seat Analysis: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस पार्टी दोनों ही पार्टियों की नजर आदिवासी वोट बैंक पर है क्योंकि मध्य प्रदेश में सरकार उसी की बनती है जिसके पक्ष में आदिवासी होते हैं. जबलपुर जिले की सिहोरा विधानसभा सीट की बात करें तो ट्राइबल रिजर्व ये सीट बीजेपी का मजबूत किला है. पार्टी यहां 2003 से लगातार जीत रही है. वहीं, वर्तमान में विधायक नंदिनी मरावी भी तीन बार से विधायक हैं. दूसरी ओर इस सीट पर कांग्रेस पार्टी लगातार चुनाव हार रही है.


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MP Election: संस्कारधानी की इस रिजर्व सीट पर 2003 से हर बार हो रहा बदलाव! क्या इस बार बदलेगा रिवाज?


सिहोरा में बीजेपी का दबदबा
सिहोरा भाजपा का गढ़ है, पार्टी 2003 से लगातार यहां जीत रही है. नंदिनी मरावी सिहोरा से वर्तमान विधायक हैं और लगातार तीन बार से यहां से चुनाव जीत रही हैं.. 


कांग्रेस का संघर्ष
पिछले कई चुनावों में सिहोरा में कांग्रेस पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ा है. तमाम कोशिशों के बावजूद वह इस सीट पर बीजेपी का दबदबा तोड़ने में नाकाम रही है.


ऐसा है सीट का इतिहास
मध्य प्रदेश की सिहोरा विधान सभा में 1990 से लगातार बीजेपी का दबदबा रहा है. भाजपा की नंदनी मरावी ने 2008, 2013 और 2018 में लगातार तीन जीत हासिल की, जिससे पार्टी का गढ़ मजबूत हुआ. हालांकि, कुछ अपवाद भी हुए, जिनमें 1998 में कांग्रेस की जीत भी शामिल थी जब नित्य निरंजन खम्परिया जीते थे. 1985 और 1980 में कुछ समय के लिए इस सीट पर कांग्रेस का भी कब्ज़ा रहा और मंजू देवी विधायक रहीं.


ये है प्रमुख मांग
बता दें कि सिहोरा को एक जिले का दर्जा देने की मांग हर विधानसभा चुनाव के दौरान एक अहम विषय रहा है. विशेष रूप से, पूर्व कांग्रेस विधायक नित्य निरंजन खमरिया ने 2003 में दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के दौरान जबलपुर से दो और कटनी से दो तहसीलों को मिलाकर एक नया जिला बनाने की कोशिश की थी. हालांकि, बाद में भारतीय जनता पार्टी सरकार के आगमन के साथ, ये प्रयास अधूरे रह गए. राजनीतिक नेताओं के आश्वासन के बावजूद, सिहोरा को एक जिले के रूप में स्थापित करने की आकांक्षा पूरी नहीं हो पाई है. जैसे-जैसे 2023 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह मुद्दा एक बार से केंद्र में आ गया है, भाजपा नेता और कांग्रेस दोनों एक नए जिले की मांग पर जोर दे रहे हैं.


2018


विधायक: नंदनी मरावी


पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)


2013


विधायक: नन्दनी मरावी
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)


2008


विधायक: नंदिनी मरावी
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)


2003


विधायक: दिलीप दुबे (बड़े)
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)


1998


विधायक: नित्य निरंजन खम्परिया 
पार्टी: (कांग्रेस)


1993


विधायक: प्रभात पांडे
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)


1990


विधायक: प्रभात कुमार


पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)


1985


विधायक: मंजू देवी
पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी)


1980
विधायक: मंजू देवी
पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई)


1977
विधायक: धन्य कुमार
पार्टी: जनता पार्टी (जेएनपी)