MP Assembly Elections: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. खास बात यह है कि प्रदेश के चुनावी इतिहास को देखें तो अब तक मध्य प्रदेश में कई मिथक देखने को मिल चुके हैं. बुंदेलखंड अंचल की ऐसी एक विधानसभा सीट जो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं उस सीट पर अजब संयोग देखने को मिल चुका है. इस विधानसभा सीट पर एक ही परिवार के तीन सगे भाई एक बाद एक विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. बीजेपी ने इस सीट पर वर्तमान में सिटिंग विधायक को ही एक बार फिर टिकट दिया है, जो चौथी बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. 


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नरयावली विधानसभा सीट पर अनोखा संयोग 


दरअसल, सागर जिले में आने वाली नरयावली विधानसभा सीट अपने एक अजब संयोग की वजह से चर्चा में रहती है. हालांकि यह संयोग इस सीट पर पहले के चुनावों में बना था. इस सीट पर तीन सगे भाई एक बाद एक विधायक बन चुके हैं. जबकि इन विधायक भाईयों के सबसे बड़े भाई सागर सीट से लोकसभा पहुंच चुके हैं. 2018 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के प्रदीप लारिया ने लगातार तीसरा चुनाव जीता था, जबकि भाजपा ने उन्हें चौथी बार इस सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया है. 


1977, 1980 और 1985 के चुनाव में बना संयोग 


नरयावली विधानसभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इस सीट पर खटीक परिवार का अच्छा प्रभाव था. 1977 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से लीलाधर खटीक को चुनाव लड़ाया और वह विधायक बने. लेकिन 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काटकर उनके भाई उत्तमचंद खटीक को चुनाव लड़ाया, खास बात यह रही कि उत्तमचंद खटीक भी चुनाव जीतकर विधायक बने. लेकिन 19985 के चुनाव में कांग्रेस उत्तमचंद का भी टिकट काट दिया और उनकी जगह उनके भाई लोकमन खटीक को चुनाव लड़ाया और वह भी चुनाव जीतकर विधायक बने. इस तरह एक ही परिवार के तीन सगे भाई एक बाद एक विधायक बने. 


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तीनों के भाई सांसद चुने गए 


खास बात यह है कि लीलाधर खटीक, उत्तमचंद खटीक और लोकमन खटीक के सबसे बड़े भाई शंकरलाल खटीक सागर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा उत्तमचंद खटीक सागर शहर के महापौर भी रह चुके हैं. ऐसे में नरयावली विधानसभा सीट पर इस परिवार का दबदबा माना जाता है. 


10 चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस बराबर 


नरयावली विधानसभा सीट 46 साल बाद परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. तब से अब तक इस सीट पर 10 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें बीजेपी और कांग्रेस में बराबर का मुकाबला रहा है. पांच चुनाव कांग्रेस और पांच चुनाव बीजेपी यहां से जीत चुकी है. 


नरयावली विधानसभा सीट के विधायक 


  • लीलाधर खटीक, कांग्रेस, 1977

  • उत्तमचंद खटीक, कांग्रेस 1980 

  • लोकमन खटीक, कांग्रेस, 1985 

  • नारायण प्रसाद कबीरपंथी, 1990, बीजेपी 

  • प्यारेलाल चौधरी, 1993, कांग्रेस 

  • सुरेंद्र चौधरी, 1998, कांग्रेस 

  • नारायण प्रसाद कबीरपंथी, 2003, बीजेपी 

  • प्रदीप लारिया, 2008, बीजेपी 

  • प्रदीप लारिया, 2013, बीजेपी

  • प्रदीप लारिया, 2018, बीजेपी


बीजेपी ने सिटिंग विधायक को दिया मौका 


बीजेपी ने नरयावली विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक प्रदीप लारिया को फिर से प्रत्याशी बनाया है. प्रदीप लारिया 2008, 2013 और 2018 का विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. पार्टी ने उन्हें चौथी बार इसी सीट से प्रत्याशी बनाया है. जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार अभी जारी है. 


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