MP Elections: क्या CM शिवराज के नेतृत्व में लड़ा जाएगा एमपी चुनाव? BJP के वरिष्ठ नेता ने किया साफ
MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेता विनय सहस्त्रबुद्धे ने प्रदेश में पार्टी के नेतृत्व को लेकर कहा कि राज्य में चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्यप्रदेश (MP News) में विधानसभा चुनाव (MP Election) से पहले एमपी बीजेपी में राजनीतिक अस्थिरता की खबरों के सवाल विनय सहस्त्रबुद्धे का बड़ा बयान सामने आया है. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि सीएम शिवराज के नेतृत्व में एमपी का चुनाव लड़ा जाएगा.एमपी चुनाव को लेकर विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एमपी विधानसभा चुनाव में आगे बढ़ेंगे.
बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर सरकार की उपलब्धियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस. वहीं राहुल गांधी के मुस्लिम लीग को सेकुलर पार्टी बताने पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कोई नई बात नहीं.ये लोकलुभावन और वोटबैंक की राजनीति के लिए मशहूर. कांग्रेस के नेता वोटबैंक की राजनीति में PHD की है. गैस के दाम और महंगाई को लेकर डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण गैस के दाम बढ़े हैं. भारत में महंगाई का सूचकांक ऊपर नहीं है.
MP News: क्या जल्द बदल जाएगा भोपाल का नाम? चुनाव से पहले सियासत हुई तेज
2018 में हमसे कोई बड़ी चूक नहीं हुई है: सहस्त्रबुद्धे
2018 विधानसभा नतीजों को लेकर कहा कि 2018 में हमसे कोई बड़ी चूक नहीं हुई है. हार के कारणों की पार्टी इंटरनल समीक्षा करती है,उसे हम बाहर नहीं बता सकते हैं. सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मैं भोपाल सहित चार चुनाव क्षेत्रों का दौरा करूंगा. वहां जाकर समाज के सभी वर्गों से मिलूंगा. हमारी पार्टी में वन वे ट्रैफ़िक नहीं होता इसलिए हम जनता की बातें भी सुनेंगे. यूपीए और एनडीए की तुलनात्मक रिपोर्ट लेकर घर घर जाएंगे बीजेपी कार्यकर्ता.
डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने मीडिया के सामने रिपोर्ट रखते हुए कहा कि यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय को लेकर कार्य नहीं हुए. पहले सरकारी योजनाओं का लाभ अपात्र लोग लेते थे. अब पात्रों को ही लाभ मिल रहा है. 2014 से पहले ग्रामीण स्वच्छता 38.7% थी, अब ODF की उपलब्धि हासिल हुई है. जनजातीय मंत्रालय के आवंटन में 190% की वृद्धि हुई. 2014 में 4295.94 करोड़ बजट था ,2023-24 में 12461.88 करोड़ बजट. E श्रम पोर्टल पर 28 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीयन कराया.
उन्होंने आगे जानकारी दी कि 1990 के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने समाज कल्याण विभाग का स्वरूप बदल दिया था. हमारे देश में आदिवासी कल्याण के लिए विभाग नहीं था, हमारी सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने बनाया. अन्य सरकार के लोगों को बांटने पर ज़्यादा भरोसा करती थी, मगर मोदी सरकार इम्पावरमेंट पर भरोसा करती है. पीएम मोदी ने जब शुरू में मंत्र दिया था स्वशासन का, 2019 में मंत्र दिया सबका साथ सबका विकास. पहले प्रधान मंत्री के बयान आते थे, एक रुपये में 85 पैसे कहां चले जाते हैं, सिर्फ़ 15 पैसे ही जनता तक पहुँच पाते थे उसका हमने निराकरण किया.