BJP से नाराज नेताओं की लिस्ट में इजाफा! जोशी के बाद सत्तन और शेखावत भी आए सामने, देखिए सारे नाम
MP Politics: मध्य प्रदेश बीजेपी में इस समय कई नेता नाराज चल रहे हैं. इन नेताओं में दीपक जोशी के अलावा सत्यनारायण सत्तन और भंवरसिंह शेखावत भी सामने आ गए हैं. आइए जानते हैं नेताओं की नाराजगी को लेकर बीजेपी के सीनियर लीडर क्या कह रहे हैं.
BJP v/s Congress: मध्य प्रदेश बीजेपी में इस समय नाराज चल रहे नेताओं के नामों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है. दीपक जोशी के बाद सत्यनारायण सत्तन और भंवरसिंह शेखावत भी खुलकर सामने आ गए हैं. ये ही नहीं कई और ऐसे नाम हैं, सियासी गलियों में जिनकी चर्चा तेज है. ये सभी नाम वो हैं, जो पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं और इनकी नाराजगी इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी पड़ सकती है. यहां जानिए वो लिस्ट और भाजपा का डैमेज कंट्रोल प्लान.
पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा
चुनावी साल में बीजेपी में बहुत से नाराज नाम सामने आ रहे हैं. इस चुनावी तोड़-फोड़ और असंतोष की से भरे नेताओं पर दोनों दलों की नजर बनी हुई है. इस समय मध्य प्रदेश बीजेपी में कई सीनियर चेहरे नाराज हैं. इनमें से एक पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा जो लंबे समय से भाजपा को लेकर असंतोष जाहिर कर रहे हैं. बीते दिनों राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह उनके घर गए तो सियासी समीकरण पर चर्चाएं शुरू हो गई और कांग्रेस के लिए मौके पर चौका लगाने का चांस बन गया.
नारायण त्रिपाठी
भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी बागी तेवरों के साथ विंध्य प्रदेश की मांग कर चुके हैं. वो कांग्रेस से भाजपा में आए थे. अब समीकरण चुनाव के समय के हिसाब से तय होंगे.
गौरीशंकर शेजवार
पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार पर भी कांग्रेस की नजरें हैं. पिछली बार बेटे मुदित सांची, प्रभुराम चौधरी से हार गए थे. कांग्रेस की मंशा है कि गौरीशंकर को इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनाकर उतारें
भंवर सिंह शेखावत
भाजपा के वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत लंबे समय से नाराज चल रहे हैं. वो कई मोर्चों पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. इंदौर की सियासत में शेखावत के कद को देखते हुए कांग्रेसी इस मौके को लपकने की पूरी कोशिश करेगी. कांग्रेस की नजर उन पर बनी हुई है.
अनूप मिश्रा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के भांजे और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा भी खफा हैं. 1 साल पहले अनूप ने खुलकर कह दिया था कि चुनाव लड़ूंगा. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने अनूप मिश्रा को कांग्रेस में आने का ऑफर भी दिया है. नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि बीजेपी ने अनूप मिश्रा को अपमानित किया है. कांग्रेस उन्हें उनकी मांगी सीट से टिकट देने पर विचार कर रही है. पता हो कि वो चंबल अंचल से आते हैं बीजेपी के नेता अनूप मिश्रा. इस बीच नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बड़ा दावा किया है कि हम से संपर्क करने वाले नेता बहुत हैं लेकिन हमारे यहां जगह नहीं है.
BJP का डैमेज कंट्रोल प्लान
दीपक जोशी समेत अन्य नेताओं से सामंजस्य बिठाने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता संपर्क कर रहे हैं. उनसे बातचीत करने की भी कोशिश कर रहे हैं. मंशा यह है कि किसी भी नेता को छिटकने ना दिया जाए. इन्हें साथ लेकर चलने के लिए मुख्यमंत्री , प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी संवाद स्थापित कर रहे हैं. दीपक जोशी के मामले में बात नहीं बन पाई. उन्होंने घोषणा कर दी कि वो कांग्रेस में जाएंगे.
कांग्रेस के लिए भी है खतरा
कांग्रेस के नेताओं पर भी बीजेपी की नजर है. हीरालाल अलावा आदिवासियों की राजनीति करते हैं. उनके कांग्रेस से मतभेद उभरते रहे हैं . भाजपा आदिवासी मुद्दे पर सतर्क है और उन्हें साधने की तैयारी कर रही है. इस समय बीजेपी में इंटरनली हीरालाल को लेकर विचार चल रहा है और रणनीति बनाई जा रही है.
बीजेपी के सीनियर लीडर क्या कह रहे
नेताओं की नाराजगी को लेकर बीजेपी के सीनियर लीडर ने बड़ी बात कही है कि भाजपा में संवाद की कमी है. पूर्व मंत्री दीपक अनदेखी से नाराज हैं क्योंकि कैलाश जोशी की समाधि स्थल खंडहर हो गई है. पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन बोले कि मुलाकात में दीपक ने बताया मेरे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. भाजपा में नेताओ की नाराजगी पर पूर्व राज्यसभा सांसद रघुनंदन शर्मा बोले कि मुझे सीएम से मुलाकात के लिए 8 दिन में समय मिलता है तो सोचिए कि क्या हाल है.
रघुनंदन शर्मा ने कहा कि कल दीपक जोशी से मुलाकात कर मनाने की कोशिश थी कि पार्टी न छोड़े पर दीपक अपनी और कार्यकर्ताओ की प्रताड़ना से आहत थे. पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि संगठन और सरकार के नेतृत्व स्तर पर संवाद की कमी है. भाजपा के एक सीनियर नेता ने कहा आपके नेताओं की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ेगी. चुनावी साल में इसकी भरपाई नहीं होगी. 2018 का उदाहरण देते हुए कहा कि अपनों की नाराजगी भारी पड़ गई थी. समय रहते चेतना पड़ता है. सीएम को कार्यकर्ताओं से बातचीत करना चाहिए. वो उनकी समस्या का निराकरण करें.