वासु चौरे/प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. ऐलान के मुताबिक 30 अक्टूबर को इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा. तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी पार्टियों ने भी कमर कस ली है और बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बता दें कि उपचुनाव के प्रत्याशियों के लिए कांग्रेस का सर्वे पूरा हो गया है. 


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खबर के अनुसार, सर्वे के बाद अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ कमलनाथ उम्मीदवारों का नाम फाइनल करने के लिए हाईकमान के संपर्क में हैं. कांग्रेस संगठन प्रभारी चंद्रेशखर ने जी मीडिया से बातचीत में बताया कि सर्वे के अनुसार, उनकी पार्टी चारों सीटों पर जीत दर्ज कर रही है. उन्होंने बताया कि उपचुनाव में पार्टी महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कोविड-19 के मिस मैनेजमेंट को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ेगी. 


चंद्रशेखर ने बताया कि कांग्रेस पार्टी चुनाव के लिए तैयार है और जल्द ही कमलनाथ चुनावी क्षेत्रों में प्रचार के लिए उतरेंगे. 


बीजेपी सत्ता की कुंजी साधने में जुटी
मध्य प्रदेश में जनजातीय वर्ग को सत्ता की कुंजी माना जाता है. यही वजह है कि भाजपा इस कुंजी को साधने में जुट गई है. अनुसूचित जनजाति मोर्चे की बैठक आज भाजपा कार्यालय में हो रही है. इस बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सुहास भगत, हितानंद शर्मा भी मौजूद हैं. इनके अलावा पार्टी के बड़े आदिवासी नेता बिसाहू लाल सिंह, ओमप्रकाश धुर्वे, विजय शाह, पूर्व मंत्री रंजना बघेल भी मौजूद हैं. 


दरअसल उपचुनाव में भाजपा की कोशिश है कि जनजातीय वर्ग को पार्टी के साथ जोड़ा जाए. बीते 2018 के विधानसभा चुनाव में जनजातीय वर्ग भाजपा से छिटक गया था, जिसका खामियाजा पार्टी को हार के रूप में चुकाना पड़ा था. यही वजह है कि भाजपा एक बार फिर से उपचुनाव में जनजातीय वर्ग को साधन में जुटी है ताकि 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी पूरे विश्वास के साथ मैदान में उतरे.