MP Congress Choas: एमपी कांग्रेस में चल रही उठापटक पर बीजेपी चुटकी ले रही है. दरअसल अब बर्खास्त कर दिए गए मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष अजय चौरडिया के बयान के बाद कांग्रेस में अंदरुनी सियासत और गर्मा गई है. कांग्रेसियों ने हाल ही में अपने ऑफिस में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का हार-फूल से शानदार स्वागत किया गया था, उन्हें गुलाब जामुन खिलाए गए, यहां तक कि पैर भी छू लिए , जिसका वीडियो वायरल हुआ तो हंगामा मच गया. एक्शन के तौर पर अध्यक्षों को 7 दिन का नोटिस थमा दिया गया. बड़ी बात ये कि इसकी किसी को भनक तक नहीं होने दी, जिसपर अब कांग्रेस में कलह चरम पर दिखाई दे रहा है. उद्योग व्यापार  के अध्यक्ष अजय चौरडिया, जो अब कांग्रेस से बर्खात्त हैं, उन्होंने पार्टी के खिलाफ खुलकर आरोप लगाए हैं. साथ ही बीजेपी को भी घेरा है. 


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'पार्टी में कुछ लोग भाजपा के समर्थक'
अजय चौरडिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग हैं जो भाजपा के समर्थक हैं. उनका कहना है कि ये लोग पार्टी के कामकाज को प्रभावित कर रहे हैं. आपको बता दें उनके कई बयानों से पार्टी ने नाराज होकर एक्शन लिया और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया. इसमें उनकी सबसे बड़ी गलती बताई गई, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और महासचिव जितेंद्र सिंह के खिलाफ मुखर होना. उन्होंने दोनों के भाजपा के साथ सेटिंग होने के आरोप लगाए थे. साथ ही उन्होंने ये तक सुझाव दे डाला था कि अगर पार्टी का भविष्य सही करना है और कांग्रेस को बचाना है तो जीतू पटवारी और भंवर जितेंद्र सिंह को हटा देना चाहिए. फिर क्या था पार्टी ने अजय चौरडिया को संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस दिया और जवाब मांगा. 


घोषित-अघोषित सब भाजपा के -BJP
मामले पर बीजेपी चुटकी ले रही है.  कांग्रेस में बीजेपी के एजेंट वाली बात पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि घोषित-अघोषित सब भाजपा के ही कांग्रेस में है. अब कांग्रेस में कोई नहीं रहना चाहता. कांग्रेसी बीजेपी के संपर्क में नहीं है, पर बहुत से घोषित और अघोषित कांग्रेसी कार्यकर्ता , बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं. जमीन पर कांग्रेस खत्म हो गई है. आज कोई भी वर्कर कांग्रेस में नहीं है, किसी न किसी स्तर पर भाजपा या सनातन विचारधारा एक्सेप्ट कर चुका है. 


6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त चौरडिया 
अजय चौरडिया ने नोटिस के जवाब में कहा था कि वो अपनी बात पर कायम हैं और उन्होंने जो भी कहा था, वो कांग्रेस के हर कार्यकर्ता की भावना को ही व्यक्त करता है. अजय चौरडिया ने कहा कि मैंने  कांग्रेस को बचाने और मजबूत करने के लिए ही प्रदेश नेतृत्व की अकर्मण्यता और झूठ का पर्दाफ़ाश किया था. मैंने सिर्फ सच्चाई को सामने रखा था, उसे अनुशासनहीनता माना और मुझे 48 घंटे का नोटिस देकर निष्कासन पत्र थमा दिया गया. चौरडिया ने साफ किया कि वो अपनी आलोचना के लिए माफी नहीं मांगेंगे. उनका कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव आलाकमान नहीं हैं, इसलीए उनकी आलोचना करना गलत नहीं है. बता दें चौरडिया  ने माफी नहीं मांगी तो पार्टी ने उन्हें हटाने का फैसला लिया और 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया. चौरडिया का आरोप है कि उन्हें अनुशासन समिति के सामने अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं दिया गया, जिसके बाद अब वो खुलकर मीडिया में अपनी बात रख रहे हैं. 


विजयवर्गीय का स्वागत 
दूसरे मामले में कांग्रेसी को कैलाश विजयविर्गीय का स्वागत करना भारी पड़ गया था. कैलाश विजयवर्गीय का गांधी भवन में हार-फूल से भव्य स्वागत और गुलाब जामुन खिलाने की सजा में इंदौर के सुरजीत चड्डा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को भी नोटिस मिला. नेताओं को 7 दिन में नोटिस का जवाब देना है.