प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से गाय की एंट्री हो गई है. दरअसल सरकार ने ऐलान किया है कि प्रदेश के सभी विकासखंडों में अत्याधुनिक गौ एंबुलेंस संचालित की जाएंगी. प्रदेश के सभी 313 विकासखंडों में जल्दी ही एक-एक गौ एंबुलेंस चलाई जाएगी. इस एंबुलेंस की मदद से दुर्घटना में घायल या बीमार गायों का तुरंत इलाज किया जा सकेगा. इतना ही नहीं प्रदेश में गायों के चारे के लिए चरनोई भूमि भी आवंटित की जाएगी. 


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चरनोई भूमि विकास मिशन का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है. जिस पर सरकार जल्द ही कोई फैसला लेगी. बता दें कि एमपी की राजनीति में गायों का बड़ा महत्व है. साल 2018 में कमलनाथ ने गायों को चुनावी मुद्दा बनाया था और प्रदेश में गौशालाओं निर्माण कराने की बात कही थी. इसका कांग्रेस और कमलनाथ को फायदा मिला और 2018 के चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई. यही वजह है कि अब शिवराज सरकार भी गायों पर फोकस कर रही है. 


गौ टैक्स 
शिवराज सरकार ने इससे पहले गौ कल्याण के लिए राज्य में Cow Cess (गाय उपकर) लगाने की योजना बनाई थी. इस टैक्स से मिलने वाले रुपयों से सरकार गौशालाओं में गायों के चारे की व्यवस्था करेगी. साथ ही गाय के गोबर व गौमूत्र से बने प्रोडक्ट को सरकार प्रमोट करेगी. 


गौ कैबिनेट
इससे पहले शिवराज सरकार ने गौ कैबिनेट बनाने का फैसला किया था. यह गौ कैबिनेट राज्य में गायों की सुरक्षा और संरक्षण का काम करती है. इस गौ कैबिनेट में गृहमंत्री, राजस्व मंत्री, पशु कल्याण मंत्री, कृषि, पंचायत और वन मंत्री शामिल हैं. साथ ही राज्य में 2000 गौशालाएं बनाने की भी तैयारी है. 


एमपी की गौ पॉलिटिक्स
मध्य प्रदेश की राजनीति में भी धार्मिक ध्रुवीकरण की शुरुआत हो गई है. गौ पॉलिटिक्स को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है. यही वजह है कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान फायदा उठाने के लिए गायों को लेकर तमाम तरह के वादे करती हैं. पूर्व सीएम कमलनाथ ने जहां पिछले चुनाव में राज्य में बड़ी संख्या में गौशालाओं का निर्माण कराने की  बात कही थी. जिसका उन्हें फायदा भी मिला. कांग्रेस ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है. इसके साथ कमलनाथ अक्सर अपनी हनुमान भक्ति को लेकर भी चर्चा में बने रहते हैं. वहीं बीजेपी सरकार भी गाय कल्याण को लेकर अक्सर नए-नए ऐलान करती रहती है. इस पूरी कवायद को 2023 चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.