MP का ऐसा गांव जहां बिना शराब पिए नहीं होती थी तेरहवीं, पेसा एक्ट ने इस तरह बदल दी सूरत
मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले (Dindori District) के जल्दा मुड़िया गांव शराब बंदी (liquor ban) को लेकर एक नई पहल पेश की है. आपको बता दें कि इस आदिवासी गांव में पहली बार बिना शराब पिए तेरहवीं का कार्यक्रम बीता है.
Dindori news: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले (Dindori District) के जल्दा मुड़िया गांव शराब बंदी (liquor ban) को लेकर एक नई पहल पेश की है. आपको बता दें कि इस आदिवासी गांव में पहली बार बिना शराब पिए तेरहवीं का कार्यक्रम बीता है. इसके अलावा आपको बता दें कि जल्दा मुड़िया ग्रामसभा के अध्यक्ष ने बताया कि बीते 30 दिसंबर को पेसा एक्ट (Pesa Act In Madhya Pradesh) के तहत ग्रामसभा का आयोजन किया गया था जिस दौरान पूरे ग्रामसभा की महिलाओं और पुरूषों ने शराब पर रोक लगाने के लिए आवाज उठाई थी. इसके बाद ग्रामसभा के अध्यक्ष की उपस्थिति में ग्रामीणों ने ये तय किया कि जो भी ब्यक्ति शराब बेचता हुआ या पीता हुआ पाया जाएगा उसके ऊपर 1 हजार रूपए का जुर्माना लगा दिया जाएगा.
विवाह उत्सव पर मिलेगी शराब
जल्दा मुड़िया गांव की सरपंच सुनीता वनबासी ने बताया कि गांव के कुछ उत्सवों पर शराब के प्रयोग पर छूट रहेगी. जैसे शादी, विवाह, जन्मोत्सव या पूजा होगी तो उसमें शराब का प्रयोग किया जा सकेगा लेकिन इसके लिए जिस घर में आयोजन होगा उसे आकर ग्रामसभा में जानकारी देनी होगी. इसके बाद उस परिवार के लिए सिर्फ चार लीटर तक शराब की छूट होगी.
शराब बंदी से महिलाओं में खुशी की लहर
जल्दा मुड़िया गांव में शराब बंदी का प्रस्ताव जब से ग्रामसभा में प्रस्तावित हुआ है उसके बाद से लोगों में काफी ज्यादा खुशी का माहौल है.सबसे ज्यादा खुशी गांव की महिला वर्ग में देखा जा रहा है. गांव की महिलाओं का कहना है कि शराब के कारण अक्सर गांव में विवाद होता था. शराब के नशे के कारण अक्सर पुरूष महिलाओं के ऊपर हाथ छोड़ते थे. शराब की सेवन की वजह से लोगों की असमय मौत हो जाती थी. इसके अलावा महिलाओं ने कहा कि जब से शराब पर रोक लगी है उसके बाद से ऐसा लग रहा है कि अब सुख शांति रहेगी.
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किया था पेसा एक्ट लागू
मध्य प्रदेश राज्य के शहडोल जिले में 15 नवंबर को पेसा एक्ट लागू राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किया था. जिसके बाद सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने शहपुरा वीरांगना रानी दुर्गावती स्टेडियम में 25 नवंबर को पेसा एक्ट के तहत जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसके बाद सीएम ने गुरैया गांव में पेसा एक्ट के तहत पहली बैठक भी की थी और गांव के ही एक तीन माह के बच्चे का नाम पेसा रखा था. इसके अलावा आपको बता दें कि जल्दा मुड़िया गांव में तीन सौ लोग रहते हैं और इसमें 7 टोला को शराबबंदी की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही साथ आपको बता दें कि गांव में महुआ बेचने या उसके कारोबार पर रोक लगा दी गई है.