MP की ये कैसी शिक्षा व्यवस्था? मंत्री ने जो कहा वहीं मिला, रामचरित्र की जगह वंदना बनी टीचर!
MP Education System: एमपी के भिंड में दो पुरुष टीचर राम चरित्र सिंह और शैलेंद्र कुमार मिश्रा की जगह वंदना और निशा नाम की मैडम किराए पर पढ़ाती मिली हैं. जिला शिक्षा अधिकारी ने दोनों शिक्षकों को निलंबित कर बीईओ ऑफिस अटैच कर दिया है.
MP Education System: मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर घिरे रहते हैं. एक बार मंत्री उदय प्रताप सिंह चर्चा में हैं. इस बार तो उन्होंने मध्य प्रदेश शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ये स्वीकार किया कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है. शिक्षा मंत्री के बयान के बाद भिंड के एक स्कूल में बीईओ द्वारा निरीक्षण के दौरान इसकी पुष्टि भी हो गई है.
दरअसल, शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व अटल विहारी बाजपेयी की जन्म शताब्दी पर अटल शिक्षा रत्न एवं शिक्षा महाकुंभ का आयोजन में शामिल होने आये थे. रायसेन में आयोजित शिक्षा महाकुंभ में मंच से बोलते हुए कहा कि वह ऐसे पांच सौ से अधिक शिक्षकों को जानते हैं, जो अपने बदले 10-15 हजार के दूसरे शिक्षक रखे हुए हैं. इनके इस बयान के ठीक अगले दिन आज भिंड जिले में ऐसा ही कारनामा देखने को मिला है. भिंड जिले में बीईओ स्कूल में निरीक्षण के लिए गए थे. इस दौरान उन्होंने पाया कि यहां दो किराये पर शिक्षक रखे हुए थे.
ये है पूरा मामला
बता दें कि गोहद ब्लॉक में स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल आनंदपुर में बीईओ श्याम किशोर भारद्वाज निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. लेकिन उन्हें स्कूल बंद मिला. उन्हें कुछ बच्चे मिले, जिनसे उन्होंने शिक्षकों द्वारा स्कूल में पढ़ाए जाने के बारे में पूछा, जिसके बाद बच्चों ने कहा "मैडम हमें पढ़ाकर चली गई है" बच्चों द्वारा दिए गए इस जवाब पर बीईओ चौक गये. क्योंकि, इस स्कूल में महिला शिक्षक नहीं बल्कि दो पुरुष शिक्षक राम चरित्र सिंह और शैलेंद्र कुमार मिश्रा पदस्थ थे.
दोनों शिक्षक निलंबित
बच्चों से पूछने के बाद बीईओ ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रतिवेदन भेज कर बताया कि आनंदपुर प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ दोनों शिक्षकों द्वारा स्कूल में स्वयं न पढ़ाकर प्राइवेट महिलाओं को नियुक्त कर दिया है, बीईओ के प्रतिवेदन पर जिला शिक्षा अधिकारी आरडी मित्तल ने दोनों शिक्षकों को निलंबित कर बीईओ ऑफिस अटैच कर दिया है. मीडिया की टीम जब आनंदपुरा गांव में पहुंची तो इसकी शिक्षक द्वारा मीडिया की टीम के पहुंचने की भनक लगते ही स्कूल के बच्चों की छुट्टी कर दी. जब शिक्षक से बात की तो प्राइवेट महिला शिक्षकों द्वारा स्कूल में पढ़ाने की बात को सिरे से खारिज करते रहे. लेकिन जब बच्चों और ग्रामीणों से बात की गई तो उनका कहना था कि स्कूल में पुरुष शिक्षक तो कभी आये ही नहीं. बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव की ही दो महिलाएं वंदना और निशा नाम की मैडम ही आती हैं.
जानिए क्या बोले थे स्कूल शिक्षा मंत्री
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप ने अपने भाषण में खुले तौर पर कह डाला कि शिक्षका व्यवस्था लचर है. हमे आपकी समस्याएं पता हैं, पर आपको भी अपनी चीजे सुधारने की जरूरत है. आये दिन स्कूल की खबरे पेपर में आती रहती हैं. मुझे खुद ऐसे 500 शिक्षकों का पता है जो अपने बदले 10-15 हजार के दूसरे शिक्षक रखे हुए हैं. शिक्षा मंत्री का यह दर्ज जहां मीडिया के लिए सुर्खियां बन गया, वहीं, इससे विपक्ष को भी बोलने का मौका कर दिया. क्योंकि, शिक्षा मंत्री ने खुद अपने मुंह से प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की बात स्वीकार की है.
जीतू पटवारी ने मारा मौके पर चौका
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री जैसे ही अपनी गलती को स्वीकार करी, विपक्ष को भी तुरंत मौका मिल गया. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने देर ना करते हुए तुरंत ताना मारा. जीतू पटवारी ने एक्स कर लिखा कि मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने खुद कबूल किया कि 500 शिक्षक स्कूल नहीं जाते और किराए पर लोग लगा रखे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव जी यह कितनी शर्म की बात है कि आपके मंत्री को पता है कि स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, लेकिन कार्रवाई करने के जगह मंच से इसका महिमामंडन कर रहे हैं.
रिपोर्ट- प्रदीप शर्मा जी मीडिया भिण्ड
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