MP Election 2023: कैलाश विजयवर्गीय को हराने के लिए चुनाव में उतरेंगे पूर्व संघ प्रचारक! इस पार्टी से लड़ेंगे चुनाव
बीजेपी की नीति और रीतियों से परेशान होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इंदौर के पूर्व प्रचारक रहे अभय जैन ने जनहित पार्टी का गठन कर दिया है.
भिंड: साढ़े 18 साल से अधिक समय से मध्य प्रदेश की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी एक ओर सत्ता विरोधी लहर (एंटी इनकंबेंसी) से परेशान है तो कहीं आपसी गुट बाजी को लेकर फूट सामने आते रहती है. वहीं अब बड़ी खबर ये आ रही है कि बीजेपी की नीति और रीतियों से परेशान होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इंदौर के पूर्व प्रचारक रहे अभय जैन ने जनहित पार्टी का गठन कर दिया है. उन्होंने 25 से 30 सीटों पर कैंडिडेट उतारने की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही इंदौर-1 से कैलाश विजयवर्गीय के सामने ताल ठोंकने के लिए तैयार है.
दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक और जनहित पार्टी के संस्थापक अभय जैन आज पार्टी विस्तार कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय दौरे पर भिंड पहुंचे और एक निजी मैरिज गार्डन में पार्टी विस्तार के लिए जिला सम्मेलन का आयोजन किया था. इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनका पार्टी गठन का उद्देश्य चुनाव में बेहिसाब पैसे की चमक दमक उपयोग हो गया है. धन से मुक्त राजनीति जनता के बल पर करने की शुरुआत के लिए पार्टी का गठन किया है.
MP Election 2023: MP का ये अनोखा विधायक बीजेपी में हुआ शामिल, कांग्रेस को लगा बड़ा झटका!
वहीं भिंड जिले की पांच विधानसभाओं में से चार में जनहित पार्टी कैंडिडेट उतारने का बन चुकी है. अभय जैन मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा का नुकसान तो उनकी अपनी कमियां से हो रहा है. हमारे कारण तो कोई बड़ा नुकसान होगा ये हम नहीं मानते.
कैलाश विजयवर्गीय के सामने चुनाव लड़ूंगा
अभय जैन ने कहा कि यदि इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक से पार्टी ने चुनाव लड़ने की अनुमति दी तो मैं जरूर वहां से लड़ूंगा. अभी उस क्षेत्र से किसी का नाम तय नहीं हुआ है और यदि बेहतर उम्मीदवार नहीं मिलेगा तो मैं खुद वहां से कैलाश विजयवर्गीय के सामने चुनाव लड़ूंगा.
शिवराज सरकार पर आरोप
अभय जैन ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर आरोपी की झड़ी लगाते हुए कहा कि थाने, कोर्ट, में बिना पैसे काम नहीं होगा. अस्पताल में डॉक्टर नहीं, स्कूल में टीचर नहीं है. किसान मंडी में परेशान है, बिजली के लिए परेशान है. मेरे इंदौर में 24 घंटे बिजली चल रही है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में किसानों को 3 घंटे ही लाइट मिल रही है.
रिपोर्ट-प्रदीप शर्मा