MP Assembly Elections Voting: मध्यप्रदेश में शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में प्रदेश की पूरी जनता ने भाग लिया लेकिन देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डिंगरोदा में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया. जिसके बाद गांव के 637 वोटों में से महज 3 वोट ही हुए. वो भी सरकारी अधिकारियों ने ही डाले. बताया अधिकारियों के समझाने पर भी ग्रामीण नहीं माने.


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सरकारी कर्मचारियों ने ही डाले वोट
जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन की तमाम कोशिशें नाक़ाम रही. कलेक्टर ऋषव गुप्ता सहित तमाम अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन देने और मनाने के तमाम प्रयास किए. वहीं कलेक्टर ने वीडियो कॉल पर ग्रामीणों को मनाने की कोशिशें की, लेकिन मतदाता नहीं मानें और चुनाव का पूरा बहिष्कार किया गया.


डिंगरोदा ग्राम पंचायत सौंसर व मेरुखेड़ी दो गाँव से मिलकर बनी है
दरअसल डिंगरोदा के ग्रामीण इसलिए नाराज़ थे क्योंकि डिंगरोदा की राजस्व सीमा देवास में, पुलिस थाना शाजापुर जिले का मक्सी, पोस्ट उज्जैन जिले का जवासिया लगता है. उनकी परिसीमन की मांग आज तक पूरी नहीं हुई है. इसे लेकर 16 अक्टूबर को सीमांकन परिसीमन को लेकर सुबह सात बजे उज्जैन-मक्सी मार्ग पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था.


ग्रामीण उज्जैन जिले में शामिल होना चाहते हैं
बताया जा रहा है कि अधिकारियों के दबाव में गांव के तीन कर्मचारियों ने वोट डाले हैं. जिसमें 2 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 1 कोटवार शामिल है.  बता दें कि तीन ग्राम को मिलाकर बनी ग्राम पंचायत में सबसे बड़ा गांव डिंगरोदा ही है, जो उज्जैन मक्सी रोड पर स्थित है.


एमपी में वोटिंग का रिकॉर्ड टूटा
बता दें कि मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव से इस बार एक फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है. ज्यादा मतदान ने राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी है. क्योंकि 3 दशकों की बात की जाए तो जब जब मतदान 5 फीसदी बढ़ा है, तब-तब सत्ता परिवर्तन हुआ है. अब ये तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा कि जनता ने किसे चुना है. बीजेपी-कांग्रेस के अलावा बसपा, सपा, आम आदमी पार्टी समेत कई दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.