Gond Community in MP Politics: मध्यप्रदेश (MP News) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज भेरूंदा में आयोजित गोंड आदिवासी सम्मेलन में पहुंचे. जहां उन्होंने गोंड आदिवासी समाज की 50 लाख लागत की धर्मशाला का भूमि पूजन किया. आदिवासी सम्मेलन में आदिवासी कलाकारों द्वारा लोक नृत्य किया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलाकारों को 25 हजार रुपये पुरस्कार दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोंड आदिवासियों इतिहास बताते हुए कहा कि यह पूरा क्षेत्र गोंडवाना राज्य में आता था. कांग्रेस ने इतिहास को कभी याद नहीं किया.हमने भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन किया. रानी दुर्गावती हमारा गौरव है जिनके बलिदान स्थल पर भव्य स्मारक बनाया जाएगा.


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Kushwaha Community in MP Politics: कुशवाहा समाज को साधने के लिए CM शिवराज ने की कई घोषणाएं! जानिए क्यों अहम है यह वर्ग


मेरे लिए यह जनता ही भगवान: सीएम शिवराज
गोंड आदिवासी सम्मेलन के दौरान सीएम शिवराज ने ये भी कहा कि मेरे लिए यह जनता ही भगवान है. इसलिए मैं जिंदा भगवान की पूजा करता हूं. सीधी के आदिवासी दशमत की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आदिवासी भाई को भगवान मानकर मैंने पांव पखारकर पूजा की है. मैं कोई अन्याय अत्याचार नहीं होने दूंगा.


मध्य प्रदेश में गोंड जनजाति का प्रभाव
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में बीजेपी को 2018 के चुनाव में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इस क्षेत्र की कुल 38 सीटों में से भाजपा ने केवल 14 सीटें जीतीं थी, जो पिछले चुनावों की तुलना में बहुत कम थी.बता दें कि  गोंड जनजाति मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपस्थिति रखती है, जिसे गोंडवाना के नाम से जाना जाता है. बता दें कि इस क्षेत्र गोंड जनजाति की बड़ी आबादी में रहती है.आकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में गोंड जनजाति की आबादी लगभग 5 मिलियन है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 7% है.



 


बता दें कि गोंड जनजाति का प्रभाव विशेष रूप से जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, सतना, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, दमोह, कटनी, होशंगाबाद, बैतूल और बालाघाट जैसे जिलों में है. इसलिए विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गोंड समुदाय किसी भी राजनीतिक दल के लिए बेहद अहम है. खासकर महाकौशल के क्षेत्र में तो इन्हें कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.


रिपोर्ट:दिनेश नागर(सीहोर)