Bhopal News: MP सरकार ने लिया बड़ा फैसला, सभी मंत्रियों के निजी स्टाफ को भेजा गया मूल विभाग
Bhopal News: मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पूर्व CM शिवराज की कैबिनेट में रहे कुल 23 मंत्री और राज्य मंत्रियों के निजी स्टाफ को उनके मूल विभाग भेज दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर-
MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने शुक्रवार रात बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद पूर्व CM शिवराज के कार्यकाल में रहे कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के सरकारी स्टाफ को मूल विभाग भेज दिया गया है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है.
सरकारी स्टाफ की वापसी
शिवराज सरकार में मंत्री रहे कुल 23 कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं स्टाफ कर उन्हें मूल विभाग में लौटने का आदेश जारी किया गया है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. पूर्व मंत्रियों ने अपनी निजी पदस्थापना में अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को पदस्थ किया था, जिन्हें फिर से उनके मूल विभाग में भेज दिया गया है.
10 दिन का दिया गया समय
अधिकारी-कर्मचारियों को सेंट्रल स्टोर में सामान वापस करने और दस्तावेज की ट्रांसफर के लिए 10 दिन का समय दिया गया है.नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा. नियम अनुसार नई विधानसभा के गठन पर पुराने मंत्री अपने निजी स्टाफ की सेवाएं उनके मूल विभागों को वापस कर देते हैं.इस नियम के तहत पूर्व मंत्रियों ने निजी स्टाफ की सेवाएं मूल विभाग को वापस लौटा दी हैं.
MP मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बदले
मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रमुख सचिव भी बदल गए हैं. 1997 बैच के IAS राघवेंद्र कुमार सिंह को CM डॉ. मोहन यादव का PS बनाया गया है. अब तक मनीष रस्तोगी इस पद पर पदस्थ थे, जिनकी विदाई हो गई है. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है. वे CM के मुख्य सचिव के साथ-साथ लोक सेवा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे.
कौन हैं IAS राघवेंद्र कुमार सिंह
1997 बैच के IAS राघवेंद्र कुमार सिंह अपने तेज-तर्रार नेचर के लिए जाने जाते हैं. वे मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने मटेरियल इंजीनियरिंग में M.Tech किया है. राघवेंद्र कुमार सिंह ने अपने करियर की शुरुआत होशंगाबाद जिले में बतौर डिप्टी कलेक्टर की थी. इसके बाद वे अब तक प्रदेश के चार जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं.