प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्यप्रदेश (MP News) के भोपाल (Bhopal News) शहर की बात की जाए तो यहां कई मज़ारें दिखाई देती हैं, लेकिन भोपाल के कलियासोत बांध के पास की कुछ मज़ारें पूरी तरह से अवैध हैं. बता दें कि यहां 6 से ज्यादा मज़ारें पूरी तरह से अवैध बताई जा रही हैं. मिली जानकारी के मुताबिक़ पहले यहां सिर्फ़ एक मज़ार थी, मगर बाद में यहां धीरे-धीरे कई मज़ारें होती चली गईं. कलियासोत बांध के पास इसी तरह धीरे-धीरे क़ब्ज़ा जमाने का खेल फल फूल रहा है. बड़ा सवाल ये भी है कि जहां कोई आवाजाही भी नज़र नहीं आती.वहां मजारों का क्या माजरा है?


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कलियासोत बांध से सटे नर्सरी में भी मज़ार
कलियासोत बांध के पास ही एक नर्सरी है.यहां भी मज़ार नज़र आयी. ऐसा लगता है सिर्फ़ शासकीय ज़मीन पर कब्जा करना ही लक्ष्य है. वरना यहां कम से कम कोई नज़र तो आता. यहां की मज़ार पर कुत्ते बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं. सवाल ये है कि आख़िर प्रशासन ध्यान क्यों नहीं दे रहा? इस तरह से तो इस पूरे इलाक़े में धीरे-धीरे कलियासोत बांध के आसपास क़ब्ज़ा होते चला जाएगा. मजार के आसपास शराब की बोतलें सिगरेट के पैकेट पड़े गए हैं. पास ही एक आधी बनी मजार नजर आई.


झाड़ियों में भी मजारें
सरकार और प्रशासन की नाक के नीचे कलियासोत डेम की झाड़ियों में जहां जाने से डर लगता है.वहां लैंड जिहाद का खेल गुप-चुप तरीके से खेला जा रहा है. एक के बाद एक लांच मजारें बनी हुई हैं. बेशकीमती सरकारी जमीन और मजारों के जरिये सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने का खेल जारी है.


हिंदू संगठनों का विरोध
कलियासोत बांध के आसपास कई अवैध मजारों को लेकर संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए. हम लगातार इस मुद्दे को पहले भी उठाते आए हैं. लगातार कलियासोत बांध और ख़ुशीलाल कॉलेज के पास अतिक्रमण हो रहा है.


मजारों की प्रशासन करेगा जांच
भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने मजारों को लेकर जांच के निर्देश देते हुए कहा है कि मजार बनने की शिकायत मिली है और SDM लेवल पर जांच के निर्देश दिए हैं.