MP Mission 2023: भोपाल। चुनावी साल (Vidhansabha Chunav) में कांग्रेस (Congress) और भाजपा (BJP) हर वर्ग को साधने के लिए जुटी हुई है. प्रदेश में आए दिन बीजेपी और विपक्ष की तरफ से जातिगत आधार (Cast Politics) पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं. इसीक्रम ने कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने के लिए लगातार बदलाव कर रही है. अब मध्य प्रदेश में पार्टी ग्राउंड लेवल पर पदाधिकारियों की नियुक्ति करते हुए अनुसूचित जाति के 65 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है.


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65 अध्यक्ष किए गए नियुक्त
कांग्रेस ने सूची जारी करते हुए 65 लोगों के नेताओं को मोर्चा प्रमुख नियुक्त किया है. इसमें शहरी जिला अध्यक्षों के साथ ही बड़े जिलों में ग्रमीण अध्यक्ष अलग से नियुक्त किए गए हैं. अब राजनीतिक जानकार इसे कांग्रेस का SC सीट पर माइक्रो मैनेजमेंट बता रहे हैं.


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17 फीसदी वोट पर फोकस
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नजरे एससी वोट बैंक पर हैं. क्योंकि इस वर्ग के जरिए सत्ता तक पहुंचने का रास्त आसान हो जाता है. साल 2018 में भी अनुसूचित जाति ने भी अहम रोल निभाया था. यही वजह है कि इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस में जमकर खीचतान देखने को मिल रही है.


SC के पास हैं 35 सीटें
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए 35 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं. जबकि, इनके पास कुल वोट का 17 फीसदी हिस्सा है. इसके साथ ही ये वर्ग राज्य की लगभग 50 सीटों के नतीजों में सीधा दखल रखता है. 2018 में हुए चुनावों में इनमें से भाजपा के पास 21 और कांग्रेस के पास 14 सीटें गईं थी. इससे पहले यहां की 28 सीटों पर बीजेपी का कब्जा था. अब कांग्रेस बीजेपी के खाते से और सीटे खींचने के लिए माइक्रोमैनेजमेंट कर रही है.


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ट्रंप कार्ड होंगे अनुसूचित जाति के वोटर
कांग्रेस का पूरा प्रयास है कि जो अनुसूचित जाति (SC) वर्ग को वोटर 2018 में इसके साथ आया था. इसका साथ 2023 में भी बना रहे. अगर इसमें कोई इजाफा न हो तो कम से कम पार्टी को नुकसान तो कतई न झेलना पड़े. इसी को लेकर कांग्रेस के 65 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को देखा जा रहा है. अब देखना होगा की ये कांग्रेस का ट्रंप कार्ड सिद्द होता है की नहीं.