करतार सिंह राजपूत/ग्वालियर:पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता राजा पटेरिया की जमानत याचिका विशेष कोर्ट से खारिज होने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने भी गुरुवार को निरस्त कर दी. राजा पटेरिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित हत्या के वक्तव्य को लेकर पिछले 12 दिसंबर से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद है. उनके खिलाफ पन्ना जिले के पवई थाने में आधा दर्जन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हैं. 


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बता दें कि विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट में तर्क दिया कि राजा पटेरिया ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए तत्पर रहने का वक्तव्य दिया था.जो जन सामान्य को दुष्प्रेरित करने के मकसद से किया गया था. उन्होंने दलित आदिवासी तथा अल्पसंख्यक समुदाय को घृणा शत्रुता वैमनस्यता में झोंकने का प्रयास किया है.जो एक जनप्रतिनिधि रह चुके व्यक्ति के लिए कहीं से भी उचित नहीं है.


हालांकि बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल का आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या का उद्देश्य सिर्फ उनकी राजनीतिक रूप से हत्या से था.यानी उन्हें हराने से था उनका यह भी कहना था कि राजा पटेरिया ने कोई भी अपराध नहीं किया है। वह दो बार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं और पूर्व मंत्री है. सिर्फ राजनीतिक द्वेषवश उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है.



 


अदालत में उनका वीडियो भी चलाया गया
वहीं अदालत में उनका वीडियो भी चलाया गया.जिसमें कांग्रेस नेता राजा पटेरिया कथित वक्तव्य देते हुए सुनाई दे रहे हैं.उन्होंने यह भी कहा है कि मोदी धर्म जाति भाषा के आधार पर देश को बांट देगा.आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में है.शासकीय अधिवक्ता ने अपने तर्क में कहा कि एक पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक के समर्थकों की बड़ी संख्या होती है.सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्तियों से संयमित एवं संतुलित भाषा की अपेक्षा होती है.सोशल मीडिया के दौर में पूर्व मंत्री द्वारा हत्या के लिए तत्पर रहो का तात्पर्य हत्या से लगाया जा सकता है.