Mohav Yadav CM of Madhya pradesh: शिवराज सिंह चौहान सरकार में मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव अब मुख्यमंत्री होंगे. दिल्ली से आए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सोमवार को विधायक दल ने यादव को अपना नेता चुना. लेकिन क्या आप जानते हैं पहली बार 2013 में विधायक बने मोहन यादव का टिकट 20 साल पहले बीजेपी ने काट दिया था? 


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जी हां, एबीवीपी के छोटे से कार्यकर्ता से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले मोहन यादव को बीजपी ने 20 पहले यानी 2003 में उज्जैन जिले की बड़नगर सीट से टिकट दिया था. लेकिन तब मौजूदा विधायक शांतिलाल धाबई और  उनके समर्थकों ने भारी विरोध किया था. विरोध इतना था कि बीजेपी ने यादव का टिकट काट दिया. हालांकि मोहन यादव ने इस फैसले का विरोध न करते हुए, पार्टी की जीत के लिए काम किया..


2013 में पहली बार बने विधायक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तब बाहरी बताकर बड़नगर सीट से तो मोहन यादव का टिकट काट दिया था, लेकिन इसके बाद फिर मोहन यादव ने उज्जैन दक्षिण विधानसभा से तैयारी की. फिर पहली बार उज्जैन दक्षिण से चुनाव जीतकर 2013 में विधायक बने. 2018 में दूसरी बार जीते और 2020 में शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री बनें. इसके बाद वो 2023 में लगातार जीत की हैट्रिक मारकर, सीधे सभी को चौंकाते हुए प्रदेश के सीएम बन गए. 


अचानक हुआ यादव के नाम का ऐलान
सोमवार को जब बीजेपी विधायक दल की बैठक से पहले सभी विधायकों का फोटो सेशन हुआ तो मोहन यादव तीसरी पंक्ति में बैठे थे. इसके बाद बैठक शुरू हुई.  बैठक में पर्यवेक्षक के रुप में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिवराज सिंह चौहान को नए सीएम का नाम प्रस्तावित करने लिए कहा. जब शिवराज सिंह चौहान ने नाम पढ़ा तो किसी को यकीन नहीं हुआ और मोहन यादव को सीएम चुन लिया गया.


ओबीसी वर्ग से आते हैं मोहन यादव 
मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं, उज्जैन दक्षिण सीट से तीसरी बार विधायक बने हैं. जबकि आरएसएस के करीबी माने जाते हैं. मालवा-निमाड़ अंचल से आते हैं. उज्जैन जिले से प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री होगा. मोहन यादव शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं.