Mohan Yadav MP New CM: भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश को चौंकाते हुए मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को मुख्यमंत्री बना दिया है. इसी के साथ बीजेपी ने अपने इरादे स्पष्ट करते हुए यूपी और बिहार में मिशन-2024 के लिए बड़ा दांव खेल दिया है. अब भाजपा का ये नया दांव उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के वोटबैंक पर कितना असर करेगा? ये देखने वाली बात होगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री OBC समाज से हैं, वहीं उनके डिप्टी के मामले में जगदीश देवड़ा (दलित) और राजेंद्र शुक्ला (ब्राह्मण) का समीकरण रखा गया है. इसके अलावा नरेंद्र सिंह तोमर (ठाकुर) स्पीकर बनाया गया है. 


यादव वोटबैंक में सेंध की कोशिश
भाजपा ने आगामी लोकसभा 2024 के होने वाले चुनावों में इस फैसले के जरिए दोनों राज्यों में जाति को पहले नंबर पर रख, परिवारवाद की राजनीति करने वाले दलों के खिलाफ अब हथियार चलाया है. गौरलतब है कि यूपी में समाजवादी पार्टी की वजह से यादव वोट भाजपा को कम वोट देता है. हालांकि 2014 और 2019 में ये मिथक टूटा है. लेकिन गौर किया जाए तो 2023 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने जिस तरह एमपी में पैर जमाने की कोशिश की, तभी भाजपा सर्तक हो गई थी.


अब बीजपी ने मोहन यादव को सीएम बनाते ही न केवल मध्यप्रदेश के यादव समाज को संदेश दिया है बल्कि यूपी व बिहार में भी यादव समाज को साधने की कोशिश की है. वहीं अखिलेश यादव के लिए भी मिशन-2024 के राह को मुश्किल कर दिया है.


बिहार पर भी दिखेगा असर 
गौरतलब है कि बिहार में हाल ही में आए जातीय सर्वे के मुताबिक वहां यादवों की जनसंख्या 14.30 फीसदी है. यहां से पांच यादव चुनकर लोकसभा में पहुंचे है.  हालांकि, यादव यहां लालू प्रसाद यादव की आरजेडी का कोर वोट बैंक माने जाते हैं. वहीं देखा जाए तो बिहार सरकार में 25 फीसदी मंत्री भी यादव समाज से ही हैं. इसमें कोई शक नहीं कि अब बीजेपी मध्यप्रदेश के जरिए ही, बिहार में वोट मांगेगी.


मध्यप्रदेश में OBC का सियासी समीकरण-
- प्रदेश में 50 फीसदी से ज्यादा ओबीसी आबादी, ओबीसी कार्ड से लोकसभा चुनाव के लिए पूरी बिसात बिछाई गई.
- बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 68 ओबीसी नेताओं को टिकट दिया. जिसमें 44 चुनाव जीते, जबकि कांग्रेस ने 59 ओबीसी नेताओं को टिकट दिया, जिसमें सिर्फ 16 को जीत मिली.
- मध्य प्रदेश में CM की कुर्सी तक पहुंचने वाले मोहन यादव दूसरे यादव चेहरे हैं. इससे पहले 2005 में भाजपा ने ही बाबूलाल गौर को CM बनाया था.