MP News: देश भर में भाई दूज का पर्व धूम- धाम से मनाया जाता है. मध्य प्रदेश में भी इसका असर देखा जाता है. प्रदेश के दतिया जिले के सेवड़ा क्षेत्र में भरकुंआ के जंगलों में विराजमान रतनगढ़ वाली माता मंदिर में भाई दूज के दिन वार्षिक मेला लगता है इस मेले की मान्यता है कि दीपावली के भाई दूज के दिन सर्पदंश से पीड़ित व्यक्तियों के माता रतनगढ़ देवी और कुंवर बाबा के दर्शन के बाद बंध खुलते हैं, जानिए क्या है धार्मिक मान्यता. 


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क्या है मान्यता 
दतिया के सेवड़ा क्षेत्र में भरकुंआ के जंगलों में विराजमान रतनगढ़ वाली माता का दीपावली की भाई दूज के दिन वार्षिक मेला लगता है इस मेले की मान्यता है कि दीपावली के भाई दूज के दिन सर्पदंश से पीड़ित व्यक्तियों के माता रतनगढ़ देवी और कुंवर बाबा के दर्शन के बाद बंध खुलते हैं. 


आज से ही रतनगढ़ माता मंदिर पर श्रद्धालियों की भीड़ पहुंचना शुरू हो गई है मंदिर पर पहुंचने से पहले श्रद्धालुओं को सिंध नदी से गुजरना पड़ता है, ऐसी मान्यता है कि सर्प दंश से पीड़ित व्यक्ति जैसे ही नदी के नजदीक पहुंचते हैं तो वह मूर्छित हो जाते हैं उसके बाद पीड़ित के परिजनों और स्ट्रेचर के माध्यम से लगभग 3 किलोमीटर पहाड़ी पर स्थित मंदिर पर सर्वप्रथम से पीड़ित व्यक्ति पहुंचता है और मंदिर पर पहुंचते ही मूर्छित व्यक्ति सही खड़ा हो जाता है. 


कहा जाता है कि यह प्राचीन मंदिर है पहले इस जंगल में सिर्फ डाकुओं गैंग रहती थी. लेकिन लगातार सरकार का इस मंदिर की ओर ध्यान आकर्षण हुआ और क्षेत्र का विकास हुआ नई सड़कें और पॉल मंदिर पर पहुंचने के लिए बनवाए गए इस मंदिर पर विश्व का सबसे वजनी घंटा प्रदेश के पूर्व सीएम ने मंदिर पर चढ़ाया था, यह घंटा पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बनवाया था, कल होने वाले मेले को लेकर दतिया जिला प्रशासन और ग्वालियर भिंड प्रशासन ने इस मेले की व्यवस्था में हिस्सेदारी की है. सुरक्षा की दृष्टि से चंबल संभाग की फोर्स तैनात की गई है. 


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