MP News: एक कहावत काफी ज्यादा प्रचलित है, 'अगर सोच ही लिया है ऊंची उड़ान का, तो फिर कद क्या देखना आसमान का' एक कहावत मध्य प्रदेश के विदिशा के रहने वाले एक सख्श पर एक-दम फिट बैठती है. दरअसल यहां का एक युवक बीते कई सालों से दंडवत यात्रा कर रहा है और यात्रा करते - करते वो महाकाल की नगरी उज्जैन भी पहुंचा, जहां पर पुलिस कर्मी ने उसकी सेवा की. आइए जानते हैं कि कौन ये युवक और दंडवत यात्रा करने के पीछे का क्या मकसद है. 


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कौन है युवक 
यह युवक विदिशा जिले के पीपलधार नटेरन गांव का रहने वाला है. इसका नाम सतवीर यादव है. ये बीते साल से दंडवत यात्रा कर रहा है. 8000 किलोमीटर की दंडवत यात्रा करके ये महाकाल की नगर उज्जैन पहुंचा, जहां पर पुलिस कर्मी ने इस युवक की सेवा की. यहां से दर्शन करने के बाद सतवीर द्वारकापुरी के लिए रवाना होंगे. बता दें कि सतवीर ये यात्रा विश्व कल्याण के लिए कर रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि ये यात्रा विदिशा के पास गांव में राम जानका मंदिर से 7 साल पहले शुरू हुई थी. इससे पहले सतवीर  मथुरा, वृंदावन, काशी, अयोध्या सहित कई तीर्थ स्थानों का दर्शन कर चुके हैं. 


सतवीर का कहना है कि इस दंडवत यात्रा की कोई आखिरी मंजिल नहीं है. हालांकि वो पाकिस्तान की हिंगलाज देवी के दर पर वे माथा टेकना चाहते हैं. बता दें कि सतवीर हर दिन 3 किलोमीटर का सफर दंडवत यात्रा करते हुए करते हैं. इसके बाद यहीं रुकते हैं और रुककर लाइन खींच कर ठहर जाते हैं, इसके बाद अगले दिन दंडवत प्रणाम करके इनका सफर फिर शुरू हो जाता है.  मीडिया रिपोर्ट को जानकारी देते हुए इन्होंने बताया कि देश में अमन चैन और खुशहाली की कामना में वे हर तकलीफ और संघर्ष सहने को तैयार हैं.  रास्ते में दो भी भक्त इन्हें खाने- पीने की सामाग्री देता है इसी से इनका गुजारा हो जाता है. 


(उज्जैन से राहुल राठौर की रिपोर्ट)