Dhar Bhojshala: इंदौर हाईकोर्ट में आज पेश होगी धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट; इस दिन होगी सुनवाई
MP News: धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट आज ASI के द्वारा इंदौर हाईकोर्ट में की जाएगी. बता दें की टीम ने 1700 से ज्यादा पुरावशेष खोदाई के दौरान निकाले हैं. इसमें कई देवी- देवताओं की मूर्तियां मिली हैं.
Dhar Bhojshala: मध्य प्रदेश के निवासियों के लिए आज का दिन काफी ज्यादा अहम है. बता दें कि आज यानि की 15 जुलाई को धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट इंदौर हाईकोर्ट में पेश होगी. धार के भोजशाला में हुए सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया की टीम जुटी हुई थी. इसे लेकर के हाईकोर्ट द्वारा ASI को निर्देश दिये गए थे कि 15 जुलाई को रिपोर्ट पेश करें. सर्वे टीम को जांच के दौरान कई अवशेष मिले हुए थे.
मिले थे अवशेष
धार भोजशाला का सर्वे ASI टीम के द्वारा किया जा रहा था. सर्वे के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 1700 से ज्यादा पुरावशेष खोदाई से निकाले हैं. जिसमें कृष्ण, भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान भोलेनाथ सहित 37 देवी- देवताओं की भी मूर्तियां शामिल हैं. इसकी सुनवाई 22 जुलाई को होनी है.
कोर्ट ने दिए थे सर्वे के आदेश
11 मार्च को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने के लिए कहा था. इस टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी थी. कोर्ट ने 29 अप्रैल तक सर्वे पूरा करने के लिए कहा था. सर्वे पूरा नहीं होने पर बाद में टाईम को बढ़ाया गया. अब 2 जुलाई को एएसआई सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करना थी, लेकिन 4 हफ्ते का समय मांगा गया था. ऐसे में आज 2000 पन्नों की रिपोर्ट पेश होगी.
क्या है विवाद?
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं. इसे रोका जाए. भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए. इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए. हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग को स्वीकार किया था.
क्या है भोजशाला
11वीं शताब्दी में मध्य प्रदेश के धार जिले में परमार वंश का शासन था. 1000 से 1055 ई. तक राजा भोज धार के शासक थे. खास बात यह थी कि राजा भोज देवी सरस्वती के बहुत बड़े भक्त थे. 1034 ई. में राजा भोज ने एक महाविद्यालय की स्थापना की थी, यह महाविद्यालय बाद में 'भोजशाला' के नाम से जाना गया, जिस पर हिंदू धर्म के लोग आस्था रखते हैं.