mp news: प्रिया पांडे/भोपाल। 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाएगा. लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुरुष दिवस पर कुछ ऐसी मांग हुई है जिसे सुनकर हर कोई सोच में पड़ जाता है. दरअसल, रक्षाबंधन पर भोपाल में महिलाओं के लिए बसें फ्री रहती हैं, यानि इस दिन महिलाओं से किराया नहीं लिया जाता. भोपाल में अब इंटरनेशनल मेन्स-डे पर सिटी बसों में सफर करने वाले पुरुषों से किराया न लेने की मांग हुई है. भोपाल की भाई वेलफेयर सोसायटी ने मांग की है, पुरुषों के लिए एक दिन बसें फ्री चलनी चाहिए, जिससे यह पूरा मामला चर्चा में बना हुआ है. 


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पुरुषों से न लिया जाए किराया
भोपाल में डिवोर्स सेलिब्रेशन को लेकर सुर्खियों में आई भाई वेलफेयर सोसायटी ने यह अनोखी मांग की है, सोसाइटी का कहना है कि '' जिस तरह रक्षाबंधन पर सिटी बसों में महिलाओं से किराया नहीं लिया जाता है, उसी तरह मेंस डे पर पुरुषों के लिए सिटी बसों में किराया माफ किया जाना चाहिए, इतना ही नहीं बसों का किराया फ्री करने के साथ-साथ सरकारी ऑफिसों को नीली रौशनी से सजाने की भी मांग की गई है. इसके लिए भाई वेलफेयर सोसायटी भोपाल नियम आयुक्त को पत्र भी लिखा है. 


पुरुषों के सम्मान में लिया जाए यह फैसला 
आयोजको की दलील है कि जब रक्षाबंधन पर महिलाओं को फ्री बस सेवा मिलती है तो इसलिए पुरूषों को भी एक दिन के लिए फ्री बस सेवा मिलनी चाहिए, मेंस डे के दिन सिटी बसों में सफर करने वाले पुरुषों से किराया न लिया जाए. पुरुषों को एक दिन बस सेवा फ्री मिलनी चाहिए. इसलिए भोपाल नगर निगम को पुरुषों के सम्मान में यह फैसला लेना चाहिए. हालांकि भोपाल प्रशासन की तरफ से अभी कुछ भी नहीं कहा गया है. लेकिन अपनी इस अनोखी मांग को लेकर यह सोसाइटी एक बार फिर चर्चा में हैं. 


तलाक का जश्न मनाने की थी तैयारी 
दरअसल, कुछ महीने पहले भी यह सोसाइटी अपने इसी तरह के एक अनोखे काम को लेकर चर्चा में आई थी. तब इस सोसाइटी ने भोपाल में डिवोर्स का सेलिब्रेशन आयोजित कराया था, यानि तलाकशुदा पति अपने तलाक का जश्न मनाने की तैयारी में थे, भोपाल में 18 सितंबर एक पार्टी भी आयोजित होनी थी, जिसके लिए कार्ड भी छपवाए गए थे. जहां पति अपनी पत्नियों से अलग होने की खुशी मनाते. इस आयोजन में 200 से ज्यादा लोगों के इक्कठे होने की तैयारी थी. हालांकि बाद में इस आयोजन का हिंदू संगठनों ने विरोध किया था. जिसके बाद यह पूरा आयोजन निरस्त कर दिया गया था. लेकिन अब अंतराष्ट्रीय पुरुष दिवस को लेकर यह सोसाइटी एक बार फिर चर्चा में हैं.