MP News: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में बंदूक समेत कई तरह के हथियार रखना लोगों के लिए रसूख और रुतबे का सवाल है. इसी कारण ये इलाका प्रदेश का ऐसा क्षेत्र हैं, जहां सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार हैं. यानी यहां हथियारों के शौकीनों की भरमार है, लेकिन अब हथियारों से रसूख बनाने वाले चंबल के लोंगों के लिए समस्या खड़ी होने वाली है. इस संबंध में ग्वालियर कलेक्टर ने बड़ा एक्शन लिया है.


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भारी तादात में लाइसेंस रद्द
ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 800 लाइसेंसी हथियार निरस्त कर दिए हैं. अकेले ग्वालियर जिले में ही तकरीबन 24000 लाइसेंसी हथियार, लेकिन अब लाइसेंसी हथियार बनवाना लोगों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है. नेताओं की सिफारिश भी लाइसेंसी हथियार रखने का ख्वाब देख रहे लोगों के काम नहीं आ रही.


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लाइसेंस रद्द करने के पीछे कलेक्टर का तर्क
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि जो लोग लाइसेंसी हथियार का क्राइटेरिया पूरा नहीं कर पा रहे थे या जिनके आवेदनों को 6 महीने से अधिक समय हो चुका था. उनके लाइसेंसों को निरस्त कर दिया गया है.


हथियारों की संख्या सीमित करना चाहता है प्रशासन
ग्वालियर जिले में लाइसेंसी हथियार पानी के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन लाइसेंसी हथियारों की बढ़ती संख्या प्रशासन के लिए भी परेशानी का सबब बनी हुई है. प्रशासनिक अधिकारियों पर लाइसेंसी हथियार बनाने का नेताओं का दबाव है, लेकिन जिला प्रशासन नेताओं के दबाव के बीच का रास्ता निकाल कर ग्वालियर जिले में लाइसेंसी हथियारों की संख्या को सीमित करना चाहता है.


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प्रशासन सख्त
ग्वालियर कलेक्टर की ओर से लिए गए इस फैसले से ये बात क्लियर हो रही है कि आने वाले समय में हथियार की चाह रखने वालों के लिए समस्या बढ़ सकती है. अगर प्रशासन लाइसेंस रद्द कर रहा है तो नए लाइसेंस जारी करने में भी कमी की जाएगी.