MP NEWS: करतार सिंह राजपूत/मुरैना। चंबल अंचल के केंद्र कहे जाने वाले मुरैना जिले के सुमावली कस्बे में सफाई के दौरान कुछ लोगों को ऐसा सामान मिला जिसे उन्होंने कबाड़ समझकर कबाड़ी की दुकान पर बेच दिया. लेकिन सफाई के दौरान मिले इस सामान की हकीकत जब सामने आई तो पुरातत्व विभाग की टीम तुरंत कबाड़ की दुकान पर पहुंची और सामान को वापस लेकर उसे संग्रहालय में रखवाया. आप सोच रहे होंगे की भला ऐसा क्या मिला होगा, तो इस पूरे मामले की जानकारी हम आपको बताते हैं.


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सुमावली में मिले मुगलकालीन तोप के गोले 
दरअसल, मुरैना के सुमावली कस्बे में मुगलकालीन गढ़ी में तोप के दो गोले मिले हैं, यह गोले मुगलकालीन बताए गए हैं. गोले मिलने की सूचना पर पुरातत्व विभाग की टीम सुमावली पहुंची और दोनों गोलों को अपने साथ लेकर जिला मुख्यालय आई, जहां अब दोनों गोलो को पुरातत्व विभाग के संग्रहालय में रखा गया है. 


सफाई के दौरान मिले थे गोले 
बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले कुछ लोगों मुगलकालीन गढ़ी में सफाई करते वक्त और घूमते वक्त तोप के दो गोले मिले थे, जिसे कबाड़ समझकर एक गोले को कबाड़ी की दुकान पर बेच दिया गया. लेकिन जब इसकी जानकारी पुरातत्व विभाग को लगी तो पुरातत्व विभाग की टीम तुरंत सुमावली पहुंची और कबाड़ी की दुकान से गोला वापस लिया. इसके साथ ही साथ दूसरे गोले को भी तुरंत अपने संरक्षण में लिया. दोनों तोप के गोले लेकर पुरातत्व विभाग की टीम मुरैना आई और इन गोलों को पुरातत्व विभाग के संग्रहालय में रख दिया है. 


मुरैना जिले के जिला पुरातत्व अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया कि दरअसल, मुरैना के सुमावली कस्बे में मुगलकालीन गढ़ी बनी हुई है. इस गढ़ी का निर्माण राजा सोमप्रताप ने करवाया था और राजा सोमप्रताप के नाम पर ही इस कस्बे का नाम सुमावली पड़ा है. इसलिए यहां निगरानी रखी जाती है, जबकि अब मुगलकालीन गढ़ी में निरीक्षण करके यह देखा जाएगा कि अगर वहां और तोप के और गोले मौजूद हैं या अन्य कोई पुरातत्व संरक्षण की वस्तु मौजूद है तो उसे भी संग्रहालय में लाकर रखा जाएगा.


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