MP News: शाजापुर में उस समय एक अजीब स्थिति बन गई जब एक सरपंच कलेक्टर के घर के बाहर रोने लगा. सरपंच ने रोते हुए आधे घंटे से ज्यादा समय तक हंगामा किया. मामला आज यानि शुक्रवार सुबह का है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा था सरपंच को वहां मौजूद पुलिसकर्मी और पटवारी समझाते रहे, लेकिन वो नहीं माना. ये हंगामा उसने अपनी पंचायत में काम नहीं होने से नाराज होकर किया. 


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सरपंच ने बताया कारण
सरपंच का आरोप है कि मेरी पंचायत में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. इस संबंध में मेरे द्वारा 50 से अधिक पत्र कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जनपद सीईओ को दिए जा चुके हैं और मैंने बार-बार आकर कलेक्टर से मिलने की कोशिश भी की लेकिन वे एक बार भी मुझसे नहीं मिले. परेशान होकर आज मैं निवास पर मिलने के लिए आया हूं लेकिन यहां भी पुलिस वालों ने मुझे धक्का देखकर भगाने की कोशिश की. गांव में गौशाला प्रारंभ करने के लिए मैं बार-बार निवेदन कर रहा हूं, लेकिन गौशाला प्रारंभ नहीं हो रही. अज्ञात लोगों ने गौशाला की बाउंड्री वॉल और पिल्लरों को तोड़ने की कोशिश की.


 कोई कार्रवाई नहीं 
सरपंच ने कहा कि बाउंड्री वॉल तोड़ने की शिकायत पुलिस ने भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. गांव में शौचालय सहित अन्य निर्माण कार्यों के लिए राशि की मांग की जा रही लेकिन नहीं दी जा रही है. सरपंच का आरोप है बिना रिश्वत के जनपद पंचायत से कोई राशि नहीं दी जाती. ये पूरा मामला शाजापुर जिले की मोहन बड़ोदिया जनपद पंचायत के ग्राम मदाना के सरपंच गोविंद सिंह मालवीय का है. वो आज सुबह टंकी चौराहा स्थित कलेक्टर निवास पर कलेक्टर से मिलने पहुंचे. कलेक्टर निवास पर मौजूद सुरक्षा गार्डो ने उन्हें बताया कि दोपहर 2 बजे आपकी मुलाकात हो पाएगी. सरपंच मिलने की जिद्द पर अड़ा रहा और सरपंच ने रोते हुए वहां हंगामा करना शुरू कर दिया. सरपंच को बड़ी मुश्किल से समझाइश देकर वहां से हटाया गया.


शांत होकर सरपंच ने कहा कि मेरे कार्यकाल को 5 महीने हो गए, लेकिन आज तक गांव में कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ. कलेक्टर से मिलने उनके ऑफिस में भी कई बार गया लेकिन वे नहीं मिले. आज निवास पर मुलाकात के लिए आया. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने धक्का देकर मेरे साथ मारपीट भी की.