MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार 2000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है. इस संबंध में वित्त विभाग ने राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की है. सरकार के एक बार फिर कर्ज लेने को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है. विपक्ष ने इसे बीजेपी और सरकार का कमीशन का इंतजाम बताया है. वहीं सरकार के बचाव करते हुए मंत्री विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विपक्ष का सरकार पर हमला
कांग्रेस मीडिया विभाग उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सकेलचा ने कहा कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार की भ्रष्टाचार नीति एवं कमीशन खोरी की वजह से प्रदेश की जनता और सरकार लगातार कर्जे के बोझ में डूबती जा रही है. इसके बाद भी भाजपा सरकार दो हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है. जबकि, प्रदेश में सभी जन हितेषी योजनाएं बंद है. केवल और केवल भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी के लिए लगातार कर्जे लिए जा रहे हैं.


ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में 10 दफा आए थे महात्मा गांधी, जानें क्यों खास रहीं बापू की ये यात्राएं


मंत्री ने विपक्ष पर लगाया आरोप
विपक्ष के हमले पर जवाब देते हुए मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि विपक्ष गुमराह करने के लिए बयान दे रहा है. जबकि, विकास और योजनाओं के संचालन के लिए कर्ज जरूरी है. कोई पहली बार कर्ज नहीं लिया जा रहा है. इससे पहले कांग्रेस सरकार थी तब भी कर लिया गया है.


क्या कर्ज लेने की योजना
कर्ज के संबंध में वित्त विभाग ने राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की गई है. इसके अनुसार सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से कर्ज लेगी. इससे विकास परियोजनाओं और आर्थिक विकास को गति देने की बात कही गई है. ये कर्ज 15 सालों के लिए लिया जाएगा. सरकार 31 जनवरी को लेगी और इसे साल 2038 तक RBI को चुकाना होगा.


ये भी पढ़ें: मध्यप्रदेश में उद्योगों की स्थापना हुई आसान,सरकार ने जारी किया अध्यादेश; जानें डिटेल


प्रदेश पर तीन लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज
बता दें प्रदेश सरकार के ऊपर अभी तक तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो गया है. वित्त विभाग के अनुसार, अप्रैल 2022 की स्थिति में सरकार के ऊपर 2 लाख 95 हजार करोड़ रुपये का ऋण था. इसके बाद जून 2022 से नवंबर 2022 तक 12 हजार करोड़ रुपये कर्ज लिया गया. अब इसमें 2000 करोड़ रुपये और जुड़ गए हैं.