MP State Information Commission closed: मध्य प्रदेश की जनता RTI के तहत जानकारी पाने के लिए मुश्किलों से जूझ रही है, लेकिन सरकार को इसकी सुध नहीं है. मध्य प्रदेश के राज्य सूचना आयोग को बंद हुए करीब 4 महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक यहां आयुक्त की नियुक्तियां नहीं हुई है. सूचना आयोग के बंद होने से करीब 14 हजार मामले लंबित पड़े हुए हैं. 


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एमपी सूचना आयोग बंद
मध्य प्रदेश सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सभी सूचना आयुक्त के पद खाली हो गए हैं. सभी आयुक्त का कार्यकाल मार्च 2024 तक पूरा हो चुका है. कार्यकाल पूरा होने के बाद अब तक करीब 4 महीने बीत चुके हैं लेकिन फिर भी अब तक इन पदों पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है. सभी पद खाली होने के कारण आयोग बंद हो गया है. 


14 हजार केस पेंडिंग 
जानकारी के मुताबिक रोजाना RTI के लिए करीब 50-60 अपील लंबिंत हो रही हैं. मार्च 2024 तक लंबित मामलों की संख्या करीब 5 हजार थी, जो चार महीने में बढ़कर 14 हजार तक पहुंच गई है. 


चुनाव के बीच मांगी थी अनुमति
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव के दौरान सूचना आयेाग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद प्रक्रिया तो शुरू हुई लेकिन पद अभी भी खाली हैं. राज्य सूचना आयुक्त के पद के लिए सरकार के पास 185 और मुख्य सूचना आयुक्त के लिए 59 आवेदन आए हैं. लेकिन पद अभी भी खाली ही हैं. 


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बता दें कि 10 साल में पहली बार मध्य प्रदेश में ऐसे हालात बने हैं, जब सूचना आयोग में सुनवाई के लिए एक भी आयुक्त नहीं है. एमपी के अलावा झारखंड, त्रिपुरा, गोवा और तेलंगाना में भी सूचना आयुक्तों के सभी पद खाली पड़े है. 


2019 में हुई थी अंतिम  नियुक्ति
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग अंतिम बार मार्च 2019 में नियुक्ति हुई थी.  30 मार्च 2024 मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला और सूचना आयुक्त राहुल सिंह का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. इसके बाद से अब तक सूचना आयोग में नियुक्ति नहीं हुई है. 


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