MP पंचायत चुनाव को लेकर वोटर लिस्ट का काम रुका, राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया बड़ा फैसला
मध्य प्रदेश में पंचायतों (MP Panchayat Chunav) की नई वोटर लिस्ट बनाने का काम रोक दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने ये निर्णय पंचायत राज संशोधन अध्यादेश के प्रभावी होने के मद्देनजर लिया. इसे लेकर सभी कलेक्टरों को इसकी सूचना भी भेजी गई है.
भोपाल: मध्य प्रदेश में पंचायतों (MP Panchayat Chunav) की नई वोटर लिस्ट बनाने का काम रोक दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने ये निर्णय पंचायत राज संशोधन अध्यादेश के प्रभावी होने के मद्देनजर लिया. इसे लेकर सभी कलेक्टरों को इसकी सूचना भी भेजी गई है. आयोग ने आदेश दे कहा कि परिसीमन का काम पूरा होने के बाद ही वार्डवार वोटर लिस्ट तैयार की जाएगी. बता दें आयोग ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने व काटने के लिए दावे-आपत्ति के लिए कार्यक्रम 29 दिसंबर को जारी किया था.
16 जनवरी को फाइनल वोटर लिस्ट आनी थी
वोटर लिस्ट में बदलाव के बाद 4 जनवरी को वोटर लिस्ट का प्रकाशन होना था. 4 से 9 जनवरी तक दावे-आपत्ति बुलाई गई थी. जबकि 12 जनवरी को इसका निराकरण किया जाना था. इसके बाद ग्राम पंचायतों में फाइनल वोटर लिस्ट 16 जनवरी को लगाया जाना तय किया गया था. इस कार्यक्रम को आयोग ने फिलहाल स्थगित कर दिया है.
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SC में सुनवाई
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर SC में कल सुनवाई होनी थी, जो टल गई. राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों मामले में सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे जा पहुंची हैं. राज्य सरकार की ओर से ओबीसी आरक्षण को लेकर रिव्यू पिटीशन लगाई गई है. राज्य सरकार की ओर से लगाई गई याचिका में 4 महीने का वक्त मांगा गया है. पिछड़ा वर्ग आयोग ओबीसी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति की रिपोर्ट बनाएगा, जिसके चलते 4 महीने का वक्त कोर्ट से मांगा गया है. बता दें राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखा.
3 याचिका पुनर्विचार के लिए लगाई गई
MP पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. इसे वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार मेहता ने कोर्ट में रखा. एक याचिका ओबीसी वर्ग की ओर से भी लगाई गई है. कुल मिलाकर तीन याचिका पुनर्विचार के लिए लगाई गई है.
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