PMT कांड: आरोपी डॉ दीपक यादव हुए दोषमुक्त, कोर्ट में पेश नहीं कर पाए ठोस सबूत
बहुचर्चित व्यापम घोटाले से जुड़े प्रीपीजी फर्जीवाड़ा मामले में पूर्व जूडा अध्यक्ष डॉक्टर दीपक यादव को बरी कर दिया है. लगातार गवाही से बच रहे आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने इस मामले में पिछले दिनों ही अपनी गवाही दी थी और कहा था कि 2006 की प्रीपीजी परीक्षा में डॉक्टर दीपक यादव ने अपनी जगह किसी सॉल्वर को बैठाकर यह परीक्षा पास की थी.
MP NEWS/प्रियांशु यादव: ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय की विशेष सीबीआई कोर्ट ने बहुचर्चित व्यापम घोटाले से जुड़े प्रीपीजी फर्जीवाड़ा मामले में पूर्व जूडा अध्यक्ष डॉक्टर दीपक यादव को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए जाने के चलते डॉ यादव और अन्य आरोपी संतोष चौरसिया को दोषमुक्त करार किया है. खास बात यह है कि लगातार गवाही से बच रहे आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने इस मामले में पिछले दिनों ही अपनी गवाही दी थी और कहा था कि 2006 की प्रीपीजी परीक्षा में डॉक्टर दीपक यादव ने अपनी जगह किसी सॉल्वर को बैठाकर यह परीक्षा पास की थी.
सीबीआई कोर्ट ग्वालियर के अधिवक्ता पीयूष गुप्ता ने बताया कि आरटीआई एक्टिविस्ट ने गवाही में बताया था कि दीपक यादव ने अपने हस्ताक्षर इस तरह से किए थे कि उसे कोई भी हुबहू कॉपी कर सकता था. दस्तावेजों में उनके कल्पना नगर के पते का हवाला दिया गया था जहां वह रहते ही नहीं है, लेकिन आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष अपनी शिकायतों के संबंध में कोई ठोस सबूत न्यायालय के सामने पेश नहीं कर सके. उसने केवल यही कहा कि इस बात की जानकारी उसे किसी ने दी थी. इसी आधार पर उसने 2006 की प्रीपीजी परीक्षा में दीपक यादव पर आरोप लगाए थे. व्यापम मामला उजागर होने के बाद इसे बाद में सीबीआई के सुपुर्द किया गया था.
साफ हुआ प्रैक्टिस का रास्ता
गौरतलब है कि डॉ यादव लंबे अरसे तक फरार रहे थे और उन पर पुलिस की ओर से इनाम भी घोषित किया गया था. डॉ यादव गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के पूर्व जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे बाल रोग विशेषज्ञ हैं, लेकिन न्यायालय में मामले के लंबित रहते हुए प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे. सीबीआई कोर्ट से बरी होने के बाद अब उनकी प्रैक्टिस का रास्ता साफ हो गया है.
2 साल जेल में भी रह चुके डॉ दीपक यादव
बता दें कि इस मामले में डॉ दीपक यादव 2 साल की जेल की सजा भी काट चुके हैं. उन्हें 2016 में जमानत मिल गई थी. उस वक्त डॉ दीपक यादव कहा था कि व्यापम घोटाला बेहद निंदनीय है. इसकी जितनी निंदा की जाए कम ही है. जहां तक आरोपों की बात है तो हमें देश की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. हमें न्याय जरूर मिलेगा. दीपक यादव से पहले कोर्ट ने उनके भाई को भी इस मामले में बरी कर दिया था.