mp politics: भोपाल। एक तरफ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (bharat jodo yatra) मध्य प्रदेश पहुंचने वाली है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए वचन पत्र के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी है. खास बात यह है कि कमलनाथ एक बड़े वर्ग को साधने की तैयारी में हैं, जिनके मुद्दों को कांग्रेस इस बार वचन पत्र में भी शामिल करेगी, पीसीसी चीफ कमलनाथ (kamal nath)  ने इस बात के निर्देश भी जारी कर दिए हैं कि वचन पत्र में सभी मुद्दों को शामिल किया जाए. 


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कर्मचारियों को साधने में जुटी कांग्रेस 
दरअसल, कमलनाथ मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को साधने में जुटे हैं. इसके लिए कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले कई बड़े आयोजन करने की तैयारी में है, जबकि कमलनाथ ने विधानसभा कर्मचारियों के मुद्दों को कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल करने के निर्देश भी दे दिए हैं. इसके लिए वचन पत्र समिति के अध्यक्ष के साथ कर्मचारी संगठनों की एक बड़ी बैठक भी होगी, जिसमें कर्मचारी अपने सभी मुद्दों को रखेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा मुद्दों को वचन पत्र में शामिल करवाया जा सके. 


इन प्रतिनिधियों के साथ होगी बैठक 
कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस की एक टीम कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ सभी विभागों के आउटसोर्स, अस्थाई, ठेका, अंशकालीन, संविदा, जैसे दर्जनों कच्चे कर्मचारियों के संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, ताकि उनके मुद्दों को समझकर वचन पत्र में शामिल करने की योजना बनाई जा सके. इसके अलावा बैठक में कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि भी वचन पत्र के लिए अपने सुझाव देंगे, बैठक में 50 से अधिक संगठनों के 300 से अधिक पदाधिकारी, समन्वयक, संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में यह बैठक 6 नवंबर को होगी, बता दें कि कांग्रेस इस बार चुनाव से काफी पहले अपना वचन पत्र जारी करने की तैयारी में है. 


मध्य प्रदेश में हैं 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी 
बता दें कि मध्य प्रदेश में स्थायी और अस्थायी 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं, जो अपने कई मुद्दों को लेकर मुखर रहते हैं, इसको लेकर कई मुद्दों को लेकर आस्थाई कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस इन कर्मचारियों के साथ बैठक कर कर्मचारियों की हितैषी बनने की कोशिश करेगी और 2023 के लिए तैयार हो रहे कांग्रेस के वचन पत्र के लिए भी इनसे सुझाव लिया जाएगा. यही वजह है कि कांग्रेस इस वर्ग पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. खास बात यह है कि नवंबर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एमपी आ रही है, ऐसे में कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि राहुल से भी यात्रा के दौरान मिल सकते है. 


2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने वचन पत्र में कर्मचारियों के मुद्दों को शामिल किया था. जबकि खुद कमलनाथ ने कर्मचारी संगठनों के साथ बैठकें की थी, जिसका फायदा चुनाव के नतीजों में भी दिखा था. ऐसे में कांग्रेस 2023 में भी वहीं रणनीति पर चलने की तैयारी में हैं. 


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