MP Teachers Transfer News: मध्य प्रदेश में 24 हजार शिक्षकों को उनके मनपसंद स्थान पर तबादला किया गया था. अब यह तबादला उनके लिए आफत बन गया है. बता दें कि भोपाल आए 300 से अधिक शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है. इससे शिक्षकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.हालात यह हो गए हैं कि होम लोन, बीमा की किस्त, बच्चों की कोचिंग फीस के लिए शिक्षकों को घर-घर जाना पड़ रहा है. शासकीय शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने कहा है कि ऐसी स्थिति इसलिए पैदा हुई है क्योंकि शिक्षा विभाग ने असंगत शिक्षकों की पदस्थापना और तबादले की नीति अपनाई है. 


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जानिए पूरा मामला
भोपाल में पद नहीं है फिर भी शिक्षकों की भरमार है क्योंकि सीएम राइज स्कूल व अन्य शाखाओं में न तो शिक्षकों का तबादला हुआ और न ही पदस्थापन हुआ. सीएम राइज स्कूल में पहले से पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी अन्य शाखाओं में रिक्त पदों पर समायोजित नहीं किया गया.जिससे भोपाल में शिक्षकों की भरमार हो गई है.जब ये सभी शिक्षक वेतन बिल लेकर अधिकारियों के साथ जिला कोषागार पहुंचे तो कोषागार ने ऑनलाइन पद नहीं होने का हवाला देकर वेतन देने से मना कर दिया.


जब शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी हुई तो विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने लोक शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखकर 315 शिक्षकों के पद उपलब्ध कराने की मांग की और पद उपलब्ध नहीं होने तक ऑफलाइन वेतन भुगतान की अनुमति मांगी. बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक पद उपलब्ध नहीं कराए गए हैं और न ही ऑफलाइन भुगतान की अनुमति दी गई है.इसके लिए शिक्षकों और उनके परिवारों की आर्थिक समस्याओं को देखने के लिए संगठन ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिक्षकों का वेतन तुरंत दिलवाने की मांग की है.


नई ट्रांसफर नीति के तहत 43 हजार शिक्षकों के आवेदन
स्कूल शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर को तबादला आदेश जारी किया था.बता दें कि नई तबादला नीति के तहत 43 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था. इसमें 9 हजार 681 प्राथमिक शिक्षक, 8 हजार 96 माध्यमिक शिक्षक, 3 हजार 835 उच्च माध्यमिक शिक्षक थे.वहीं 1 हजार 923 शिक्षकों का तबादला किया गया था.


कुछ शिक्षकों ने तबादला निरस्त करने की इच्छा जताई
स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक बड़ी संख्या में शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी से अपने तबादले रद्द करने की मांग की थी. इसके लिए शिक्षकों को निरस्त करने का विकल्प दिया गया था और जो शिक्षक स्थानांतरण नहीं चाहते थे उनका तबादला नहीं किया गया.