प्रमोद शर्मा/भोपाल: आज से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शूरू होने वाला है. विधानसभा में कई अहम प्रस्ताव पारित किए जाने की चर्चा है. आपको बता  दें कि 15वीं विधानसभा में पहली बार आज अविश्वास प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं ऑनलाइन विधानसभा बनाने का दावा हावी होता नजर आ रहा है,  क्योंकि विधायक आज भी बड़ी संख्या में ऑफलाइन प्रश्न पूछना ही पसंद कर रहे है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपको बता दें कि मार्च 2022 से लेकर अभी तक देखा जाए तो चौंकाने वाला तथ्य ये है कि विधानसभा की ऑनलाइन सिस्टम को अपनाने में ये सभी विधायक पीछे ही नजर आ रह हैं. 


विधानसभा में 1506 सवाल विधायकों ने लगाए
शीतकालीन की अधिसूचना जारी होने के बाद से अब तक विधानसभा सचिवालय को तारांकित 794 एवं अतारांकित 712 कुल 1506 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. जबकि ध्यानाकर्षण के 211, स्थगन के 5 प्रस्ताव मिले है. इसके अलावा, अशासकीय संकल्प के 16, शून्यकाल क 67 सूचनाएं मिली हैं. साथ ही चार विधेयक भी विधानसभा सचिवालय को मिले.


शिवराज सरकार को घेरेंगी कांग्रेस
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर लिया है. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी भाजपा की जन विरोध नीतियों को उठाएगी.


पेपरलेस नहीं हो पाई विधानसभा
वहीं हैरत की बात तो यह है कि विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा प्रमुख सचिव एमपी विधानसभा को पेपरलेस और ऑनलाइन बनाने का जो दावा ठोक रहे हैं. उस दावे को उनके ही विधायक पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. दरअसल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 1506 विधायकों ने सवाल लगाए हैं. जिनमें से ऑनलाइन सवाल 725 और ऑफलाइन इससे कहीं ज्यादा 781 सवाल विधायकों ने सवाल लगाए हैं. ऑफलाइन सवालों की बड़ी तादाद बताती है कि ऑनलाइन छोड़कर विधायक अभी भी ऑफलाइन पर ही भरोसा जता रहे हैं.


विधायक नहीं हो पाए हाईटेक?
गौरतलब है कि सीएम शिवराज ने विधायकों को हाईटेक बनाने के लिए पिछले बजट से पहले सभी को लैपटॉप खरीदने के लिए 50 रुपये तक का अनुदान भी दिया था, और विधानसभा में डिजिटल बजट भी पेश किया था. लेकिन ऑनलाइन सवालों में विधायकों की रुचि देखने को नहीं मिल रही है.